कालिका कांडपाल/दस्तक पहाड न्यूज अगस्त्यमुनि।। जिला पंचायत क्षेत्र सारी में लंबे समय से दहशत का पर्याय बने तेंदुए को आखिरकार वन विभाग ने पकड़ लिया है। शनिवार शाम को जौंदला गांव के समीप लगाए गए पिंजरे में तेंदुआ कैद हुआ, जिसके बाद क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली। पकड़े गए तेंदुए को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए स्यालसौड़ ले जाया गया है, जहां विशेषज्ञों की निगरानी में उसका मेडिकल परीक्षण किया जा रहा है।गौरतलब है कि बीते दिनों पाली गांव में तेंदुए द्वारा एक व्यक्ति को निवाला बनाने की घटना के बाद पूरे

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क्षेत्र में भय का माहौल बन गया था। इस घटना से ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिला और लगातार वन विभाग से तेंदुए को पकड़ने तथा उसे मारने की मांग की जा रही थी। लोगों का कहना था कि तेंदुए की मौजूदगी से बच्चों, बुजुर्गों और पशुओं की जान पर खतरा बना हुआ है।घटना की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए क्षेत्र में कई स्थानों पर पिंजरे लगाए, नियमित गश्त बढ़ाई और सीसीटीवी कैमरों की मदद से निगरानी शुरू की। कई दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद शनिवार को जौंदला गांव के पास लगाए गए पिंजरे में तेंदुआ फंस गया। वन क्षेत्राधिकारी रेंज अगस्त्यमुनि हरिशंकर रावत ने तेंदुए के पकड़े जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि तेंदुआ पूरी तरह सुरक्षित है और उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद विभाग द्वारा अग्रिम कार्रवाई तय की जाएगी, जिसमें उसे रेस्क्यू सेंटर या सुरक्षित वन क्षेत्र में भेजे जाने पर निर्णय लिया जाएगा। वहीं जिला पंचायत सदस्य सारी जयवर्धन काण्डपाल ने तेंदुए के पकड़े जाने को क्षेत्र के लिए तत्कालिक राहत बताया। उन्होंने कहा कि हालांकि तेंदुए की गिरफ्तारी से लोगों में कुछ हद तक भय कम हुआ है, लेकिन ग्रामीणों को अभी भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने आशंका जताई कि क्षेत्र में अन्य तेंदुओं की मौजूदगी से इनकार नहीं किया जा सकता, इसलिए वन विभाग को निगरानी और गश्त जारी रखनी चाहिए।फिलहाल तेंदुए के पकड़े जाने के बाद क्षेत्र में स्थिति सामान्य होने लगी है, लेकिन ग्रामीणों की मांग है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए वन विभाग स्थायी और प्रभावी कदम उठाए।