दस्तक पहाड़ न्यूज अगस्त्यमुनि।। केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र में निर्माणाधीन बाईपास अब आम लोगों के लिए जानलेवा साबित होने लगा है। गंगानगर के ऊपर चल रहे बाईपास निर्माण के दौरान सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी का ताजा मामला आज दोपहर सामने आया, जब ऊपर से एक विशाल और भारी पत्थर सीधे राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित एक दुकान के ऊपर आ गिरा। जिस स्थान पर यह हादसा हुआ, उसके ठीक नीचे केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरता है, जहां से प्रतिदिन सैकड़ों वाहन आवाजाही करते हैं।

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इतना ही नहीं, इसी स्थान पर इन दिनों राजमार्ग पर नाली निर्माण का कार्य भी चल रहा है, जिसमें मजदूर लगातार मौजूद रहते हैं। इसके बावजूद बाईपास निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आज दोपहर अचानक ऊपर हो रही हिल कटिंग के दौरान एक बड़ा भारी बोल्डर टूटकर दुकान की टिन की छत को तोड़ता हुआ नीचे गिर पड़ा। उस समय दुकान के भीतर मालिक सहित कई लोग बैठे हुए थे। अचानक हुए इस घटनाक्रम से वहां अफरा-तफरी मच गई। सौभाग्यवश पत्थर पीछे की ओर गिर गया, जिससे दुकान में मौजूद लोग आगे की ओर भागकर किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल रहे। यदि पत्थर का रुख थोड़ा भी बदल जाता, तो एक बड़ा हादसा टलना मुश्किल था। दुकान में मौजूद प्रत्यक्षदर्शी बृजमोहन राकेश ने बताया कि, “हम लोग दुकान में बैठे थे, तभी अचानक ऊपर से तेज आवाज आई और एक भारी पत्थर छत तोड़ते हुए नीचे गिर गया। कुछ सेकंड के भीतर ही सब कुछ हो गया। हम किसी तरह भागकर बाहर आए, नहीं तो जान जा सकती थी। घटना के बाद आसपास की दुकानों और लोगों में भय का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस स्थान पर हिल कटिंग हो रही है, वहां अभी भी कई बड़े-बड़े पत्थर असंतुलित स्थिति में पड़े हैं, जो किसी भी वक्त नीचे गिर सकते हैं। इससे न केवल दुकानदारों बल्कि सड़क से गुजरने वाले यात्रियों और मजदूरों की जान पर भी लगातार खतरा बना हुआ है। प्रभावित दुकानदारों इस घटना की सूचना थाना अगस्त्यमुनि को दी है। स्थानीय नागरिकों ने बाईपास निर्माण में लगी एजेंसी पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि निर्माण कार्य के दौरान न तो सुरक्षा जाल लगाए गए हैं, न चेतावनी संकेत और न ही राष्ट्रीय राजमार्ग पर किसी प्रकार की निगरानी व्यवस्था की गई है। लोगों की मांग है कि निर्माण एजेंसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर अपने कर्मचारी तैनात करे, ताकि आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। सवाल यह है कि यदि आज यह हादसा किसी की जान ले लेता, तो जिम्मेदारी किसकी होती? क्या बड़े विकास कार्यों की आड़ में आम लोगों की जान को यूं ही खतरे में डाला जाएगा? प्रशासन और संबंधित विभागों की चुप्पी भी इस पूरे मामले में कई सवाल खड़े कर रही है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तत्काल संज्ञान लेने, निर्माण कार्य पर रोक लगाने और सुरक्षा मानकों के पालन के बाद ही काम शुरू करने की मांग की है, ताकि भविष्य में किसी बड़े हादसे को रोका जा सके।