Big Breking : केदारघाटी के ऐटा सिमार गाँव में घर में रोटी बना रही महिला को रसोई से खींच ले गया भालू, दहशत में ग्रामीण
1 min read29/12/2025 9:58 pm

दीपक बेंजवाल/ दस्तक पहाड न्यूज अगस्त्यमुनि।।
रूद्रप्रयाग जनपद के अगस्त्यमुनि विकासखंड में सोमवार शाम एक और भयावह घटना ने क्षेत्र में दहशत फैला दी। ग्राम सभा कमसाल के सिमार (ऐंटा) में रात करीब 7 बजे रसोई में रोटी बना रही 32 वर्षीय पूनम देवी राणा को भालू अचानक घर के भीतर से खींचकर खेतों की ओर ले गया। चीख-पुकार सुनकर ग्रामीणों ने तुरंत शोर मचाया, जिसके बाद भालू ने महिला को छोड़ दिया, लेकिन तब तक वह तीन खेत नीचे तक घसीट ली गई थीं। ग्रामीणों की तत्परता से महिला को मुश्किल से बचाया गया। सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुँची, हालांकि भालू के दोबारा प्रकट होने का खतरा अब भी बना हुआ है। महिला का प्राथमिक उपचार गाँव में ही किया गया और उनकी स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। मंगलवार सुबह उन्हें अस्पताल में आगे के उपचार के लिए लाया जाएगा।
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इस घटना ने लोगों के मन में पहले से मौजूद भय को और गहरा कर दिया है, क्योंकि यह मामला बीते कुछ दिनों में सामने आए हमलों की श्रृंखला का नया हिस्सा है। बीते बृहस्पतिवार को नगर पंचायत ऊखीमठ के प्रेमनगर में 32 वर्षीय श्रीमती रचना देवी पर दिनदहाड़े भालू ने अचानक हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। लगातार हो रही इन घटनाओं से साफ है कि केदारघाटी में भालू का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा और ग्रामीण अब खुद को घरों के भीतर भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।
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ग्रामीणों का कहना है कि शाम ढलते ही बाहर निकलना मुश्किल हो गया है, बच्चों और बुज़ुर्गों को लेकर डर और अधिक बढ़ गया है, और वन विभाग द्वारा ठोस कार्यवाही न दिखने से असुरक्षा लगातार बढ़ती जा रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब वन विभाग वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करता है, तो उनके हमलों की जिम्मेदारी कौन लेगा और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम कब उठाए जाएंगे। घटनाओं के बाद सिर्फ टीम भेज देना और मुआवजे की औपचारिक घोषणा कर देना समाधान नहीं है। ग्रामीणों का मानना है कि वैज्ञानिक ढंग से खतरे के क्षेत्रों की पहचान, भालुओं की निगरानी और प्रभावित इलाकों में सुरक्षा इंतज़ामों को बढ़ाए बिना हालात में सुधार संभव नहीं।
लगातार बढ़ती घटनाएँ इस बात का संकेत हैं कि यह समस्या केवल वन्यजीव संघर्ष तक सीमित नहीं रह गई, बल्कि ग्रामीणों के मानसिक स्वास्थ्य, दैनिक जीवन और सुरक्षा की भावना पर भी गंभीर असर डाल रही है। अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह खतरा आने वाले दिनों में और बड़ा रूप ले सकता है।
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Big Breking : केदारघाटी के ऐटा सिमार गाँव में घर में रोटी बना रही महिला को रसोई से खींच ले गया भालू, दहशत में ग्रामीण
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