रूद्रप्रयाग विधानसभा सीट पर प्रदीप थपलियाल को टिकट देने के बाद पार्टी में घमासान शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि टिकट के प्रमुख दावेदार पूर्व कैबिनेट मंत्री मातबर सिंह कंडारी, पूर्व विधायक प्रत्याशी लक्ष्मी राणा, वीरेंद्र बुटोला, अंकुर रौथाण समेत कई कार्यकर्ताओं ने भारी नाराजगी जताते हुऐ सामूहिक इस्तीफे के पेशकश की है। इनका कहना है कि प्रदीप थपलियाल ने 2017 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़कर भीतरघात किया था, जिससे पार्टी को यह सीट गंवानी पड़ी थी, लेकिन इस बार प्रदीप थपलियाल को टिकट देकर समर्पित कार्यकर्ताओं का मनोबल तौड़ दिया है। हालांकि इसपर अभी तक कोई आधिकारिक बयान किसी नेता ने जाहिर नहीं किया है, लेकिन नाराज नेताओं में किसी एक को थर्ड फ्रंट बनाकर उठाने की मांग पर लामबंदी हो सकती है। पार्टी के सर्वे में इस बार प्रदीप थपलियाल सबसे

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टाप पर थे। वर्तमान में जखोली ब्लाक प्रमुख के रूप में भी उनकी लोकप्रियता का फायदा पार्टी को तय है। पिछले चुनावों में भी अंतिम समय तक उनका नाम टाप पर था लेकिन तब पार्टी ने अचानक लक्ष्मी राणा को टिकट देकर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया था। इससे नाराज होकर प्रदीप थपलियाल बागी होकर चुनाव लड़ें और महज पांच हजार ही हासिल कर पाए। बावजूद कांग्रेस के टिकट पर लड़ी लक्ष्मी राणा 14000 वोटों के बड़े अंतर से भाजपा प्रत्याशी भरत चौधरी से चुनाव हार गई। इस कारण भी पार्टी ने इस बार यहां प्रत्याशी बदल दिया। हालांकि कुछ ऐसे ही बगावती तेवरों का सामना भाजपा के प्रत्याशी भरत चौधरी को भी करना पड़ रहा। अंदरखाने उनसे भी बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता नाराज हैं। अब देखना होगा कि कांग्रेस में उठे ये बगावती तेवर किसे नुकसान पहुंचाते हैं।