उत्तराखण्ड विधानसभा चुनावों में 632 उम्मीदवारों में से एक चेहरा मुख्यमंत्री का होगा, हालांकि सीधे तौर पर जनता इसे तय नहीं करती है लेकिन जनता की वोटों से पार्टियों की हार जीत का फैसला होता है। 85 उम्मीदवारों की नाम वापसी के बाद अब राज्य की कुल 70 विधानसभा सीटों पर 632 उम्मीदवार मैदान में है। राज्य की मुख्य पार्टियाँ कांग्रेस, भाजपा, यूकेडी, आप, वामदलों के साथ निर्दलीय भी बड़ी संख्या में चुनावी रण में कूदे है। कई स्थानों पर निर्दलीय सीट जीतने की स्थिति में भी है। वहीं यूकेडी और आम आदमी पार्टी को भी इस बार अच्छी खासी वोट मिलने की संभावना है, हालांकि सीट को लेकर उहापेह जारी रहेगी। सत्ता सुख पाने के लिए पार्टियों को 36का जादुई आंकड़ा पाना होगा। इसके बाद ही सीएम घोषित होगा। हालांकि यह तय है कि राज्य में कांग्रेस और भाजपा में से एक ही सरकार बनायेगी। इसलिए कांग्रेस और

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भाजपा पहले ही सीएम का चेहरा घोषित कर चुकी है, बावजूद हार जीत ने चेहरे पर भी गणित बना सकती है। चुनावी रण में कांग्रेस से हरीश रावत, भाजपा से पुष्कर सिंह धामी, आम आदमी पार्टी से कर्नल अजय कोठियाल को सीएम प्रोजक्ट माना जा सकता है। हालांकि भाजपा से मदन कौशिक और कांग्रेस से प्रीतम पंवार का नाम भी सीएम की दौड़ में आगे चल रहे है। उत्तराखण्ड में सबसे ज्यादा 157 उम्मीदवार देहरादून जिले की 10 विधानसभा सीटों पर हैं जबकि सबसे कम उम्मीदवार 12-13 रूद्रप्रयाग जिले की दो विधानसभाओं रूद्रप्रयाग और केदारनाथ में है।