मंदाकिनी तट पर चंद्रशेखर महादेव मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य पूरा, अखंड रामायण के साथ शुरू हुआ समारोह
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17/01/20231:40 pm
अगस्त्यमुनि। गिंवाला गांव में मंदाकिनी नदी के किनारे प्रसिद्ध चंद्रशेखर महादेव मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य पूरा हो गया है और यहां पर अखंड रामायण मास परायण मकर संक्रांति के पावन पर्व से शुरू हो गया है।
आयोजन समिति से जुड़े विनोद बिष्ट, चंद्रमोहन सिंह (अन्नू) भंडारी ने बताया कि प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे से माघ मास पर्यंत अखंड रामायण पाठ किया जाएगा। दोपहर 2:00 बजे से कीर्तन भजन और शाम 6:30 बजे संध्या आरती का आयोजन पूरे माह चलेगा। 13 फरवरी को विशाल भंडारा और हवन के साथ ही पाठ का समापन होगा। शुरूआत होने के अवसर पर भगवान हनुमान का ध्वज स्थापित किया गया। कीर्तन मंडली की महिला व पुरुषों ने कीर्तन भजन और पंडितजनों ने वेद मंत्रोच्चार के साथ आयोजन की शुरुआत की। इस मौके पर बाबा अजय गिरी महाराज, पंडित विजय प्रसाद बेंजवाल, पंडित सुनील प्रसाद गौड़ समेत कई शिवभक्त व ग्रामीण मौजूद थे।
ज्ञात रहे की 2013 की केदारनाथ आपदा में मंदाकिनी नदी के किनारे गिंवाला गांव की सीमा में प्राचीन चन्द्रशेखर शिव मंदिर बह गया था। उसके बाद स्थानीय लोगों ने इस वर्ष फिर से यहाँ पर मंदिर का निर्माण किया है। मंदिर निर्माण के लिए गिंवाला गांव के श्री हरि सिंह बिष्ट एवं श्री बलबीर सिंह रावत (दोनों विभूतियां अब दिवंगत) के परिजनों ने अपनी जमीन दान की थी।
इस कार्यक्रम में कुँवर सिंह भंडारी, अनिल जिरवाण , जीतपाल सिंह बुटोला, विनोद बिष्ट, देवी प्रसाद मलासी, धीरसिंह नेगी, विजयपाल रावत, धर्मेंद्र बर्तवाल, बीरेंद्र सिंह सिंह बुटोला, सरत सिंह बिष्ट, कुंवर सिंह बर्तवाल के साथ महिला मंगल दल साड़ी गिंवाला की -पार्वती देवी, दीपा देवी बिष्ट समेत बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण सहयोग कर रहे है।
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मंदाकिनी तट पर चंद्रशेखर महादेव मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य पूरा, अखंड रामायण के साथ शुरू हुआ समारोह
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अगस्त्यमुनि। गिंवाला गांव में मंदाकिनी नदी के किनारे प्रसिद्ध चंद्रशेखर महादेव मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य पूरा हो गया है और यहां पर अखंड रामायण मास
परायण मकर संक्रांति के पावन पर्व से शुरू हो गया है।
आयोजन समिति से जुड़े विनोद बिष्ट, चंद्रमोहन सिंह (अन्नू) भंडारी ने बताया कि प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे से माघ मास पर्यंत अखंड रामायण पाठ किया जाएगा। दोपहर 2:00 बजे
से कीर्तन भजन और शाम 6:30 बजे संध्या आरती का आयोजन पूरे माह चलेगा। 13 फरवरी को विशाल भंडारा और हवन के साथ ही पाठ का समापन होगा। शुरूआत होने के अवसर पर भगवान
हनुमान का ध्वज स्थापित किया गया। कीर्तन मंडली की महिला व पुरुषों ने कीर्तन भजन और पंडितजनों ने वेद मंत्रोच्चार के साथ आयोजन की शुरुआत की। इस मौके पर
बाबा अजय गिरी महाराज, पंडित विजय प्रसाद बेंजवाल, पंडित सुनील प्रसाद गौड़ समेत कई शिवभक्त व ग्रामीण मौजूद थे।
ज्ञात रहे की 2013 की केदारनाथ आपदा में मंदाकिनी नदी के किनारे गिंवाला गांव की सीमा में प्राचीन चन्द्रशेखर शिव मंदिर बह गया था। उसके बाद स्थानीय लोगों ने इस
वर्ष फिर से यहाँ पर मंदिर का निर्माण किया है। मंदिर निर्माण के लिए गिंवाला गांव के श्री हरि सिंह बिष्ट एवं श्री बलबीर सिंह रावत (दोनों विभूतियां अब
दिवंगत) के परिजनों ने अपनी जमीन दान की थी।
इस कार्यक्रम में कुँवर सिंह भंडारी, अनिल जिरवाण , जीतपाल सिंह बुटोला, विनोद बिष्ट, देवी प्रसाद मलासी, धीरसिंह नेगी, विजयपाल रावत, धर्मेंद्र बर्तवाल,
बीरेंद्र सिंह सिंह बुटोला, सरत सिंह बिष्ट, कुंवर सिंह बर्तवाल के साथ महिला मंगल दल साड़ी गिंवाला की -पार्वती देवी, दीपा देवी बिष्ट समेत बड़ी संख्या में
स्थानीय ग्रामीण सहयोग कर रहे है।