हरीश गुसाई  / अगस्त्यमुनि दस्तक पहाड न्यूज  - अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण पर प्रशासन का पीला पंजा कभी भी गरज सकता है। प्रशासन ने नगर क्षेत्र में ऐसे 45 से अधिक अतिक्रमण को चिह्नित कर उन्हें अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी कर दिए हैं। समयावधि समाप्त होने के बाद घ्वस्तीकरण की कार्यवाही प्रारम्भ हो जायेगी।

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दरअसल इन दिनों उत्तराखण्ड में बड़ी संख्या में सरकारी भूमि पर समुदाय विशेष के लोगों द्वारा कब्जा कर वहां धार्मिक गतिविधियां प्रारम्भ की गई हैं। मामला संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कढ़ा रूख अपनाते हुए सभी विभागों को अपनी भूमि पर अवैध कब्जों एवं अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हुए हैं। जिसके बाद सभी विभाग इस मुहिम पर जुट गये हैं। रूद्रप्रयाग जनपद में भी जिलाधिकारी द्वारा अतिक्रमण पर सभी विभागों को सख्ती से कार्यवाही करने को कहा गया है। और इसके लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त कर दिए गये हैं। इसी कड़ी में अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र में भी सरकारी भूमि पर कब्जे के कुछ मामले सामने आने के बाद प्रशासन ने सख्त रवैया अपना लिया है। और नगर क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए कमसरत प्रारम्भ कर दी है। लोनिवि (एनएच), नगर पंचायत एवं तहसील प्रशासन ने संयुक्त सर्वे कर नगर क्षेत्र में 45 से अधिक अतिक्रमण चिह्नित किए । जिसकी सूची नगर पंचायत ने लोनिवि (एनएच) को सौंप दी है। अब एनएच ने चिह्नित अतिक्रमणकारियों को नोटिस भेजे हैं। जिसमें सात दिनों के अन्दर अतिक्रमण हटाने को कहा गया है। कई लोगों को नोटिस मिल भी चुके हैं। जिनमें से कुछ तो अपना सामान समेटने भी लगे हैं। ये ऐसे लोग हैं जो तिरपाल डाल कर रह रहे हैं। अभी कई लोग इसे केवल सरकारी भभकी ही समझ रहे हैं। जिसमें कई रसूख वाले भी हैं। क्योंकि अभी तक ऐसे अतिक्रमण पर केवल नोटिस ही जारी हुए हैं। अब देखने वाली बात होगी कि क्या इस बार प्रशासन ऐसे अवैध अतिक्रमण को हटा पायेगा या नहीं। या केवल गरीब एवं लाचार पर ही प्रशासन का पीला पंजा गरजेगा। प्रमोद सिंह नेगी (सहायक अभियन्ता लोनिवि एनएच) - पिछले दिनों अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र में नपं, राजस्व विभाग एवं एनएच ने संयुक्त सर्वे की थी। जिसमें पुलिस थाने से गंगानगर पुल तक कुल 45 से अधिक अवैध अतिक्रमण पाये गये थे। जिन्हें अब नोटिस जारी किए जा रहे हैं। 11 लोंगो को नोटिस जा चुके हैं। जबकि अन्य को जारी करने की प्रक्रिया जारी है। समय सीमा समाप्त होने पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रारम्भ की जायेगी। इसके लिए प्रशासन से पुलिस फोर्स उपलब्ध कराने का अनरोध किया गया है। फोर्स मिलते ही कार्यवाही प्रारम्भ हो जायेगी।