महाशिवरात्रि पर इस बार बन रहा दुर्लभ सिद्धयोग, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
1 min read05/03/2024 8:54 am
दस्तक पहाड न्यूज / अगस्त्यमुनि।।
महाशिवरात्रि के दिन शिवजी के भक्त श्रद्धा और विश्वास के साथ व्रत रखते हैं और विधि-विधान से शिव-गौरी की पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर मौजूद सभी शिवलिंग में विराजमान होते हैं, इसलिए महाशिवरात्रि के दिन की गई शिव की उपासना से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 8 मार्च, शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा। प्रथम प्रहर में पूजा समय 8 मार्च की शाम 06.25 मिनट से रात्रि 09.28 मिनट तक है। दूसरे प्रहर में पूजा का समय रात 09.28 मिनट से 9 मार्च मध्य रात्रि 12.31 बजे तक है। वहीं तीसरे प्रहर में पूजा का समय 9 मार्च मध्य रात्रि 12.31 मिनट से प्रातः 03.34 मिनट तक है। जबकि चतुर्थ प्रहर पूजा समय 9 मार्च को ही प्रातः 03.34 मिनट से सुबह 06.37 मिनट तक है। महाशिवरात्रि व्रत पूजा प्रदोष काल में प्रारंभ की जाती है इस विशेष दिन पर शिवयोग बन रहा है जो मध्य रात्रि 12:05 तक रहेगा और इसके बाद सिद्धयोग शुरू हो जाएगा। श्री अगस्त्य मन्दिर के आचार्य पंडित भूपेंद्र बेंजवाल ने बताया कि इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र का भी योग बन रहा है। जो प्रातः 8:12 से दूसरे दिन शनिवार को प्रातः 6:42 बजे तक रहेगा। यह तिथि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि रात्रि में 7:50 बजे व नौ मार्च शनिवार की शाम 5:09 बजे तक ही रहेगा। चंद्रमा कुंभ रात्रि 7:28 से विराजमान रहेगा। उन्होंने बताया कि चंद्रमास का 14 वां दिन रात्रि व्यापिनी चतुर्दशी को महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। महाशिवरात्रि पर मंदिरों में जलाभिषेक दिन भर व रात्रि के चार पहर में शिव की पूजा होती है। पहले प्रहर में दूध से शिव के ईशान स्वरूप का, दूसरे प्रहर में दही से अघोर स्वरूप का,तीसरे प्रहर में घी से बामदेव रूप का और चौथे प्रहर में शहद से सदयोजात स्वरूप का अभिषेक कर पूजा करना चाहिए।
महाशिवरात्रि 2024 चार प्रहर मुहूर्त
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- रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – शाम 06 बजकर 25 मिनट से रात 09 बजकर 28 मिनट तक
- रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – रात 09 बजकर 28 मिनट से 9 मार्च को रात 12 बजकर 31 मिनट तक
- रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – रात 12 बजकर 31 मिनट से प्रातः 03 बजकर 34 मिनट तक
- रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – प्रात: 03.34 से प्रात: 06:37
निशिता काल मुहूर्त – रात में 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक (9 मार्च 2024)
व्रत पारण समय – सुबह 06 बजकर 37 मिनट से दोपहर 03 बजकर 28 मिनट तक (9 मार्च 2024)
महाशिवरात्रि की पूजा विधि
- महाशिवरात्रि के दिन प्रातः काल उठकर स्नान आदि करके पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव शंकर के आगे व्रत का संकल्प लें।
- संकल्प के दौरान उपवास की अवधि पूरा करने के लिए शिव जी का आशीर्वाद लें।
- इसके अलावा आप व्रत किस तरह से रखेंगे यानी कि फलाहार या फिर निर्जला ये भी संकल्प लें।
- फिर शुभ मुहूर्त में पूजा प्रारंभ करें।
- सबसे पहले भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान कराएं।
- साथ ही केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं और पूरी रात्रि का दीपक जलाएं। इसके अलावा चंदन का तिलक लगाएं।
- बेलपत्र, भांग, धतूरा भोलेनाथ का सबसे पसंदीदा चढ़ावा है।
- इसलिए तीन बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं।
- सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर सबको प्रसाद बांटें।
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