उत्तराखंड में शाम 5 बजे तक 53.56 फीसदी वोटिंग, रुद्रप्रयाग में इशाला समेत कई गाँवों ने किया चुनाव बहिष्कार
1 min read19/04/2024 6:45 pm
कालिका काण्डपाल / दस्तक पहाड न्यूज
अगस्त्यमुनि।। उत्तराखंड में शाम 5 बजे तक 53.56 फीसदी वोटिंग हुई है। आज प्रदेश के 84 लाख 31 हजार 101 मतदाता 11,723 मतदान केंद्रों में उम्मीदवार के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद हुआ। उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों पर शाम पांच बजे तक कुल मिलाकर 53.56 वोटिंग हो चुकी है। सबसे अधिक मतदान नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर होती दिख रही है। इसके साथ ही हरिद्वार लोकसभा पर भी अच्छी वोटिंग हुई है। अल्मोड़ा में 44.43, गढ़वाल 48.79, टिहरी गढ़वाल 51.01, नैनीताल-उधमसिंह नगर 59.36 और हरिद्वार में 59.01 फीसदी वोटिंग रही। वही प्रदेश में कई स्थानों पर लोगों ने सड़क सहित विभिन्न जनसमस्याओं को लेकर चुनाव बहिष्कार किया है।रुद्रप्रयाग जनपद में भी आठ साल से सड़क निर्माण की मांग कर रहे इशाला गाँव के ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए इस बार लोक सभा चुनाव का बहिष्कार किया। ग्राम प्रधान इशाला गजेन्द्र राणा, व ग्रामीण त्रिलोक राणा, कुलदीप सिंह खत्री, बासुदेव राणा, हरीश राणा, सन्दीप राणा, देवेश्वरी देवी, दुर्गा देवी, हेमा देवी, शान्ति देवी ने कहा कि सभी गांववासी एक स्वर में रोड़ नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ एकजुट हैं। दशज्यूला क्षेत्र के इशाला गांववासी पिछले 8 वर्षों से सड़क की मांग कर रहे हैं। सड़क के अभाव में बुजुर्ग, बीमार, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को 4 किमी खड़ी चढ़ाई चढ़कर गड़ीधार आना पड़ता है।
Advertisement

Advertisement

उधमसिंह नगर जनपद के दिनेशपुर और रुद्रपुर थाना क्षेत्र स्थित अर्जुनपुर और गूलरभोज हरिपुर जलासाय, कोपा लालसिंह, मुनस्यारी सहित कई गावों के लोगों ने सड़क नहीं तो वोट नहीं नारे के साथ मतदान का बहिष्कार किया है। मसूरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत मोटीदार कपलानी में करीब सात गांव के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार किया।पिथौरागढ़ विधानसभा के क्वीतड़, जमतड़ी और क्वारबन बूथ पर अब तक वोट नहीं पड़ा है. तीनों मतदान केंद्रों में 720 मतदाता हैं. ग्रामीण लंबे समय से रोड की मांग कर रहे थे. इसलिए उन्होंने रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद किया है. वहीं गंगोलीहाट विधानसभा के बूथ संख्या 80 राजकीय प्राथमिक विद्यालय बनकोट में ग्रामीणों ने मतदान के बहिष्कार किया. क्षेत्र के ग्रामीण लम्बे समय से बनकोट क्षेत्र को बागेश्वर जनपद में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. बागेश्वर जिला मुख्यालय 20 किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय 1500 किलोमीटर दूरी पर है. जिस कारण लम्बे समय से ग्रामीण बागेश्वर में शामिल करने की मांग कर रहे थे।
Read Also This:
खबर में दी गई जानकारी और सूचना से क्या आप संतुष्ट हैं? अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।

जो करता है एक लोकतंत्र का निर्माण।
यह है वह वस्तु जो लोकतंत्र को जीवन देती नवीन
उत्तराखंड में शाम 5 बजे तक 53.56 फीसदी वोटिंग, रुद्रप्रयाग में इशाला समेत कई गाँवों ने किया चुनाव बहिष्कार
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129