दस्तक पहाड न्यूज  / अगस्त्यमुनि / रुद्रप्रयाग।  बच्चों को भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैली की बारिकियाँ समझाने के उद्देश्य से स्पिक मैके द्वारा जनपद के विभिन्न विद्यालयों में ओडिसी और कत्थक नृत्य की प्रोफेशनल कलाकारों द्वारा आयोजन किये जा रहे हैं।

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  जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रमेन्द्र कुमार बिष्ट ने बताया कि जनपद के चुनिंदा विद्यालयों में 29अप्रैल से 4मई तक ये सत्र आयोजित किये जा रहे हैं। नोडल अधिकारी तथा अ०उ०रा०इ०का० रूद्रप्रयाग के संगीत शिक्षक मनोज थापा ने बताया कि अब तक रा०इ०का० अगस्त्यमुनि, रूद्रप्रयाग, रतूड़ा, नगरासू, मालतोली, चोपता, रा०उ०मा०वि०खड़पतिया, घिमतोली, रा०बा०इ०का० रूद्रप्रयाग, तिलकनगर, जवाड़ी, मयाली, जयन्ती कोड़ियाड़ा,भीरी, क्यूंजा, कण्डारा, चन्द्रापुरी, रामाश्रम, ओकारानंद इण्टर कॉलेज जखोली, के०वी० अगस्त्यमुनि के अलावा रा०बा०इ०का० अगस्त्यमुनि और रा०बा०इ०का० रूद्रप्रयाग व रा०उ०मा०वि०खड़पतिया में ये आयोजन किये गये । ओडिसी नृत्यांगना श्रीराधा पॉल और भरतनाट्यम नृत्यांगना राधिका कथल ने बच्चों से इन नृत्यों की बीरिकियों पर बातचीत करते हुए इन नृत्यों की आधारभूत जानकारियों से परिचित कराया। अनुभवी दोनों नृत्यांगनाओं ने बच्चों व दर्शकों को बताया कि भारतीय शास्त्रीय संगीत व नृत्य आत्मा से परमात्मा को जानने का एक माध्यम है। स्पिक मैके के राज्य समन्वयक अनिरुद्ध अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में अपार प्रतिभाएं हैं, ऐसी प्रतिभाओं को शास्त्रीय नृत्य की कलात्मकता से परिचित कराने के लिए स्पिक मैके का यह कार्यक्रम चल रहा है। जनपद समन्वयक विपुल गोयल विद्यालयी बच्चों द्वारा कार्यक्रम में ली जा रूचि से प्रफुल्लित दिखे।