केदारनाथ पैदल मार्ग पर जंगल चट्टी में पैदल आवाजाही शुरू, घोड़ा-खच्चरों के संचालन पर लगेगा समय
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22/09/20246:47 pm
दस्तक पहाड न्यूज / केदारनाथ।
20 सितम्बर की रात गौरीकुण्ड से श्री केदारनाथ धाम तक जाने वाले पैदल मार्ग में जंगल चट्टी के पास भू-धंसाव के चलते करीब 10 से 15 मीटर की दूरी पर मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। बचाव टीमों ने तेजी से काम करते हुए वैकल्पिक मार्ग तैयार किया, जिससे देर शाम यात्रियों को सुरक्षित गौरीकुण्ड और सोनप्रयाग की ओर रवाना किया जा सका। इस दौरान मुख्य मार्ग को भी आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया है।
आज सुबह, केदारनाथ से लौटने वाले और श्री केदारनाथ धाम की यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को गौरीकुण्ड और सोनप्रयाग से सुरक्षित मार्ग से आगे बढ़ाया गया है। सुरक्षा के लिए स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं, जो यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से संचालित कर रही हैं।
फिलहाल, केवल पैदल यात्री ही श्री केदारनाथ धाम के लिए इस मार्ग से यात्रा कर सकते हैं। घोड़ा-खच्चरों का संचालन मार्ग के पूरी तरह से तैयार होने के बाद ही शुरू किया जाएगा। प्रशासन और सुरक्षा बलों द्वारा यात्रा को सुरक्षित और सुचारू बनाए रखने के लिए पूरी सतर्कता से काम किया जा रहा है, जिससे श्रद्धालु अपनी यात्रा बिना किसी जोखिम के पूरी कर सकें।
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केदारनाथ पैदल मार्ग पर जंगल चट्टी में पैदल आवाजाही शुरू, घोड़ा-खच्चरों के संचालन पर लगेगा समय
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20 सितम्बर की रात गौरीकुण्ड से श्री केदारनाथ धाम तक जाने वाले पैदल मार्ग में जंगल चट्टी के पास भू-धंसाव के चलते करीब 10 से 15 मीटर की दूरी पर मार्ग पूरी तरह से
क्षतिग्रस्त हो गया था। बचाव टीमों ने तेजी से काम करते हुए वैकल्पिक मार्ग तैयार किया, जिससे देर शाम यात्रियों को सुरक्षित गौरीकुण्ड और सोनप्रयाग की ओर
रवाना किया जा सका। इस दौरान मुख्य मार्ग को भी आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया है।
आज सुबह, केदारनाथ से लौटने वाले और श्री केदारनाथ धाम की यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को गौरीकुण्ड और सोनप्रयाग से सुरक्षित मार्ग से आगे बढ़ाया गया है।
सुरक्षा के लिए स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं, जो यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से संचालित कर रही हैं।
फिलहाल, केवल पैदल यात्री ही श्री केदारनाथ धाम के लिए इस मार्ग से यात्रा कर सकते हैं। घोड़ा-खच्चरों का संचालन मार्ग के पूरी तरह से तैयार होने के बाद ही
शुरू किया जाएगा। प्रशासन और सुरक्षा बलों द्वारा यात्रा को सुरक्षित और सुचारू बनाए रखने के लिए पूरी सतर्कता से काम किया जा रहा है, जिससे श्रद्धालु अपनी
यात्रा बिना किसी जोखिम के पूरी कर सकें।