मकर संक्रांति पर 19 साल बाद बन रहा अद्भुत संयोग, पलटेगी तीन राशियों की किस्मत, बढ़ेगा धन और सम्मान
1 min read12/01/2025 7:57 am
दस्तक पहाड न्यूज।।अगस्त्यमुनि।। सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं लेकिन सूर्य जब धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति मनाई जाती है। मकर संक्रांति का पर्व इस साल 2025 में 14 जनवरी को मनाया जाएगा और इसी दिन सूर्य देव शनि की राशि मकर में भी प्रवेश करेंगे। अगस्त्यमुनि निवासी ज्योतिषाचार्य भूपेन्द्र बेंजवाल के अनुसार, 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर होने वाला सूर्य का गोचर बहुत ही खास रहेगा। क्योंकि इस दौरान सूर्य उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में चारों चरणों से होकर राशि परिवर्तन करेंगे। सूर्य के मकर राशि में गोचर करने से 12 साल बाद सूर्य गुरु का नवम पंचम योग भी बनेगा। साथ ही सूर्य और गुरु दोनों एक दूसरे से नौंवे और पांचवे भाव में पहुंचेंगे। ऐसे में 12 साल बाद बनने वाले इस योग का लाभ भी कई राशियों को मिलेगा। वहीं 14 जनवरी 2025 को सूर्य सुबह 09:03 पर मकर राशि में गोचर करेंगे। इस दिन विष्कुंभ योग और पुनर्वसु नक्षत्र का संयोग रहेगा, जोकि बहुत ही शुभ फलदायी होता है। आइये जानते हैं मकर संक्रांति पर सूर्य गोचर से बनने वाले इन शुभ योगों का लाभ किन राशियों को मिलेगा।
वृश्चिक राशि- सूर्य का गोचर आपकी राशि से तीसरे भाव में होगा। सूर्य का गोचर वृश्चिक राशि वालों के नेतृत्व क्षमता में वृद्धि करेगा और संचार कौशल में भी बढ़ोतरी होगी। लेखन संबंधी कार्यों से जुड़े लोगों के लिए यह समय लाभकारी रहेगा। हालांकि गलतफहमियों से बचने की जरूरत रहेगी।
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मकर राशि- सूर्य गोचर कर आपकी राशि के लग्न भाव में रहेंगे। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आप अपने कार्यों को मजबूती से पूरा कर पाएंगे। इस समय आप कुछ ऐसे निर्णय या जिम्मेदारी भी ले सकते हैं, जिसे पूरा करने के लिए आपको अतिरिक्त मेहनत करना पड़े। हालांकि आपका हर कदम सफलता की ओर ले जाएगा
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मीन राशि– 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर सूर्य गोचर कर आपकी राशि के 11वें भाव में रहेंगे। यह अकाक्षांओं का भाव होता है। इस समय आपका सामाजिक दायरा बढ़ेगा और आप अलग-अलग लोगों से मिलकर अपना नेटवर्क बढ़ाएंगे. यह समय आपके लिए सफलता वाला रहेगा साथ ही आय में भी अच्छी खासी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
मकर संक्रांति 2025 स्नान-दान मुहूर्त
मकर संक्रांति का पुण्यकाल 14 जनवरी को सुबह 9 बजकर 3 मिनट से शुरू होगा जबकि समाप्त शाम 5 बजकर 46 मिनट पर होगा। मकर संक्रांति का महापुण्यकाल 14 जनवरी को सुबह 9 बजकर 3 मिनट से सुबह 10 बजकर 4 मिनट तक रहेगा। वहीं 14 जनवरी को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 27 मिनट से 6 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। अमृत काल का शुभ मुहूर्त सुबह में 7 बजकर 55 मिनट से 9 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। मकर संक्रांति के दिन स्नान-दान के लिए पूरा दिन शुभ और अति उत्तम माना जाता है।
भगवान अगस्त्य के दर्शन शुभ फलदायी
रुद्रप्रयाग जनपद स्थित श्री अगस्त्य मंदिर के मठाधीश योगेश बेंजवाल संक्रान्ति पर्व की महत्ता को बताते हुए कहते है कि इस दिन भगवान सूर्य नारायण की पूजा का महात्म्य है। इसलिए भगवान अगस्त्य के दर्शन शुभ और फलदायी होते है। मंदिर में इस दिन विशेष श्रृंगार और पूजाऐ सम्पादित की जाएंगी।
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