ऑपरेशन सिंदूर के बाद चारों धामों में कड़ी सुरक्षा…IRB, बम निरोधक दस्ता और पैरामिलिट्री फोर्स भी तैनात
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08/05/20251:54 pm
दस्तक पहाड़ न्यूज, देहरादून।। ऑपरेशन सिंदूर और देशभर में बदलते सुरक्षा हालातों को देखते हुए उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है. इस बार चारों धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं. बदरीनाथ धाम में इंडियन रिजर्व बटालियन (आईआरबी), केदारनाथ में बम निरोधक दस्ता और गंगोत्री-यमुनोत्री धामों व यात्रा मार्गों पर पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई है. यात्रा मार्ग के हर मुख्य पड़ाव पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
बदरीनाथ धाम में इस बार सुरक्षा के लिहाज से बड़ा बदलाव किया गया है. अब यात्रा काल में यहां की सुरक्षा का जिम्मा इंडियन रिजर्व बटालियन को सौंपा गया है. अब तक शीतकाल में यह जिम्मेदारी इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) निभाती थी. कपाट खुलने के बाद भी बदरीनाथ धाम में आईटीबीपी की बटालियन तैनात थी, लेकिन बुधवार को सुरक्षा की जिम्मेदारी औपचारिक रूप से आईआरबी को सौंप दी गई. माना जा रहा है कि यह कदम भारत-पाकिस्तान के मौजूदा तनावपूर्ण हालातों के चलते उठाया गया है।
बदरीनाथ में श्रद्धालुओं की आवाजाही के दौरान सुरक्षा एजेंसियों द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है. मंदिर में प्रवेश से पहले हर यात्री और उनके सामान की सघन तलाशी ली जा रही है. साथ ही एटीएस, आईटीबीपी और स्थानीय पुलिस बल के जवानों को धाम के चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया है. श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे भारी सामान या बैग साथ लेकर मंदिर न आएं, ताकि सुरक्षा जांच प्रक्रिया सरल और सुगम हो सके।
केदारनाथ में बम स्क्वॉड टीम तैनात
वहीं, केदारनाथ धाम में सुरक्षा व्यवस्था को ऑपरेशन सिंदूर के बाद पूरी तरह चाक-चौबंद कर दिया गया है. यहां मंदिर क्षेत्र और केदारपुरी में बम निरोधक दस्ता तैनात किया गया है. केदारनाथ में तैनात पुलिस उपाधीक्षक अभिनय चौधरी ने बताया कि पुलिस, पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स की संख्या बढ़ा दी गई है. जवानों को हथियारों से लैस किया गया है और हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है. मंदिर क्षेत्र में बिना जांच के किसी को प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है।
केदारनाथ के साथ-साथ गंगोत्री और यमुनोत्री धामों की सुरक्षा व्यवस्था को भी विशेष रूप से मजबूत किया गया है. दोनों धामों के कपाट खुलने के साथ ही एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) की तैनाती कर दी गई थी. अब प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र सरकार से पैरामिलिट्री फोर्स की मांग पर आईटीबीपी की तीन प्लाटून भी तैनात कर दी गई हैं. इनमें से दो प्लाटून गंगोत्री और एक प्लाटून यमुनोत्री मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था संभाल रही है.
यात्रा मार्गों पर वाहनों और यात्रियों की हो रही चेकिंग
यात्रा मार्गों पर आने-जाने वाले वाहनों और व्यक्तियों की सघन चेकिंग की जा रही है. आईटीबीपी और पुलिस की संयुक्त टीमें हर चेक पोस्ट और जिले के प्रवेश द्वारों पर संदिग्ध लोगों और वाहनों की निगरानी कर रही हैं. साथ ही, यात्रा मार्ग के पड़ावों पर बाहर से आए श्रमिकों और व्यक्तियों का सत्यापन अभियान भी चलाया जा रहा है। धामों में पहले से ही एटीएस की तैनाती है, लेकिन हालिया कश्मीर हमले के बाद सुरक्षा को और बढ़ाया गया है. सरकार का मानना है कि चारधाम यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाए रखना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. यही कारण है कि इस बार सुरक्षा प्रबंध बेहद व्यापक किए गए हैं।
अत्याधुनिक उपकरणों से मजबूत की जा रही सुरक्षा
पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने बताया कि बदरीनाथ धाम में निरंतर सत्यापन कार्य जारी है. उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी है. किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो, इसके लिए पुलिस, आईआरबी, आईटीबीपी और एटीएस की टीमें लगातार गश्त कर रही हैं. सीसीटीवी निगरानी, ड्रोन कैमरे और मेटल डिटेक्टरों के जरिये भी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। प्रदेश सरकार ने श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील की है और कहा है कि वे सुरक्षा जांच में किसी प्रकार की असहजता महसूस न करें, यह सब उनकी सुरक्षा के लिए ही किया जा रहा है. यात्रियों से अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत नजदीकी पुलिस कर्मी को दें. सरकार की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि चारधाम यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में कोई ढील नहीं दी जाएगी। इस बार चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह के साथ-साथ सुरक्षा को लेकर भी जागरूकता बढ़ी है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता से उम्मीद की जा रही है कि यह यात्रा न सिर्फ श्रद्धा का पर्व बनेगी, बल्कि पूरी तरह सुरक्षित भी रहेगी।
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद चारों धामों में कड़ी सुरक्षा…IRB, बम निरोधक दस्ता और पैरामिलिट्री फोर्स भी तैनात
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दस्तक पहाड़ न्यूज, देहरादून।। ऑपरेशन सिंदूर और देशभर में बदलते सुरक्षा हालातों को देखते हुए उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को
और सख्त कर दिया गया है. इस बार चारों धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं. बदरीनाथ धाम में इंडियन
रिजर्व बटालियन (आईआरबी), केदारनाथ में बम निरोधक दस्ता और गंगोत्री-यमुनोत्री धामों व यात्रा मार्गों पर पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई है. यात्रा
मार्ग के हर मुख्य पड़ाव पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
बदरीनाथ धाम में इस बार सुरक्षा के लिहाज से बड़ा बदलाव किया गया है. अब यात्रा काल में यहां की सुरक्षा का जिम्मा इंडियन रिजर्व बटालियन को सौंपा गया है. अब तक
शीतकाल में यह जिम्मेदारी इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) निभाती थी. कपाट खुलने के बाद भी बदरीनाथ धाम में आईटीबीपी की बटालियन तैनात थी, लेकिन बुधवार
को सुरक्षा की जिम्मेदारी औपचारिक रूप से आईआरबी को सौंप दी गई. माना जा रहा है कि यह कदम भारत-पाकिस्तान के मौजूदा तनावपूर्ण हालातों के चलते उठाया गया है।
सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में होगी बदरीनाथ यात्रा
बदरीनाथ में श्रद्धालुओं की आवाजाही के दौरान सुरक्षा एजेंसियों द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है. मंदिर में प्रवेश से पहले हर यात्री और उनके सामान की सघन
तलाशी ली जा रही है. साथ ही एटीएस, आईटीबीपी और स्थानीय पुलिस बल के जवानों को धाम के चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया है. श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे भारी
सामान या बैग साथ लेकर मंदिर न आएं, ताकि सुरक्षा जांच प्रक्रिया सरल और सुगम हो सके।
केदारनाथ में बम स्क्वॉड टीम तैनात
वहीं, केदारनाथ धाम में सुरक्षा व्यवस्था को ऑपरेशन सिंदूर के बाद पूरी तरह चाक-चौबंद कर दिया गया है. यहां मंदिर क्षेत्र और केदारपुरी में बम निरोधक दस्ता
तैनात किया गया है. केदारनाथ में तैनात पुलिस उपाधीक्षक अभिनय चौधरी ने बताया कि पुलिस, पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स की संख्या बढ़ा दी गई है. जवानों को
हथियारों से लैस किया गया है और हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है. मंदिर क्षेत्र में बिना जांच के किसी को प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है।
केदारनाथ के साथ-साथ गंगोत्री और यमुनोत्री धामों की सुरक्षा व्यवस्था को भी विशेष रूप से मजबूत किया गया है. दोनों धामों के कपाट खुलने के साथ ही एंटी
टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) की तैनाती कर दी गई थी. अब प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र सरकार से पैरामिलिट्री फोर्स की मांग पर आईटीबीपी की तीन प्लाटून भी तैनात कर
दी गई हैं. इनमें से दो प्लाटून गंगोत्री और एक प्लाटून यमुनोत्री मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था संभाल रही है.
यात्रा मार्गों पर वाहनों और यात्रियों की हो रही चेकिंग
यात्रा मार्गों पर आने-जाने वाले वाहनों और व्यक्तियों की सघन चेकिंग की जा रही है. आईटीबीपी और पुलिस की संयुक्त टीमें हर चेक पोस्ट और जिले के प्रवेश
द्वारों पर संदिग्ध लोगों और वाहनों की निगरानी कर रही हैं. साथ ही, यात्रा मार्ग के पड़ावों पर बाहर से आए श्रमिकों और व्यक्तियों का सत्यापन अभियान भी चलाया
जा रहा है। धामों में पहले से ही एटीएस की तैनाती है, लेकिन हालिया कश्मीर हमले के बाद सुरक्षा को और बढ़ाया गया है. सरकार का मानना है कि चारधाम यात्रा को
सुरक्षित और व्यवस्थित बनाए रखना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. यही कारण है कि इस बार सुरक्षा प्रबंध बेहद व्यापक किए गए हैं।
अत्याधुनिक उपकरणों से मजबूत की जा रही सुरक्षा
पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने बताया कि बदरीनाथ धाम में निरंतर सत्यापन कार्य जारी है. उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी
है. किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो, इसके लिए पुलिस, आईआरबी, आईटीबीपी और एटीएस की टीमें लगातार गश्त कर रही हैं. सीसीटीवी निगरानी, ड्रोन कैमरे और मेटल
डिटेक्टरों के जरिये भी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। प्रदेश सरकार ने श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील की है और कहा है कि वे सुरक्षा जांच में किसी
प्रकार की असहजता महसूस न करें, यह सब उनकी सुरक्षा के लिए ही किया जा रहा है. यात्रियों से अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत नजदीकी
पुलिस कर्मी को दें. सरकार की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि चारधाम यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में कोई ढील नहीं दी जाएगी। इस बार चारधाम यात्रा को
लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह के साथ-साथ सुरक्षा को लेकर भी जागरूकता बढ़ी है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता से उम्मीद की जा रही है कि यह यात्रा न
सिर्फ श्रद्धा का पर्व बनेगी, बल्कि पूरी तरह सुरक्षित भी रहेगी।