दस्तक पहाड़ न्यूज अगस्त्यमुनि।। उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में गुलदार का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा घटना तहसील बसुकेदार के डागी गांव में सामने आई है, जहां आज सुबह करीब 9 बजे 65 वर्षीय चैता देवी, पत्नी गोबिंद सिंह, पर खेत में निराई करते समय गुलदार ने हमला कर दिया। इस हमले में महिला के सिर, हाथ और पैर पर गंभीर घाव आए हैं। घायल अवस्था में उन्हें तत्काल 108 एंबुलेंस के जरिए अगस्त्यमुनि स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है। सीएचसी अगस्त्यमुनि में

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डाक्टर शिवांशु सेन ने बताया कि उनके सिर और पांव गहरे घाव है, इलाज के बाद उनकी हालत स्थिर है। वहीं इस हमले पर उत्तरी जखोली रेंज के वन क्षेत्राधिकारी सुरेन्द्र सिंह नेगी ने सीएचसी पहुंचकर हमले में घायल चैता देवी का हाल-चाल पूछा, उन्होंने बताया कि क्षेत्र में निरीक्षण के टीम भेज दी गई है। यह घटना प्राथमिक विद्यालय से मात्र 100 मीटर की दूरी पर हुई, जिसने ग्रामीणों में दहशत और आक्रोश पैदा कर दिया है। डागी गांव में यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी गुलदार कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है। ग्रामीण रविन्द्र सिंह रावत, हुकम सिंह, जयकृत सिंह, नीलम देवी, भ्यूराज सिंह का कहना है कि जून की छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने वाले हैं, और इस तरह की घटनाएं बच्चों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन रही हैं। पूर्व प्रधान डांगी सुरेन्द्र सिंह राणा और स्थानीय निवासियों ने वन विभाग और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि गुलदार की बढ़ती गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। ग्रामीणों ने मांग की है कि गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए जाएं और क्षेत्र में गश्त बढ़ाई जाए। स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। यह घटना एक बार फिर पहाड़ी क्षेत्रों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की गंभीर समस्या को उजागर करती है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि स्कूल खुलने से पहले इस खतरे को नियंत्रित किया जाए, ताकि बच्चों और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।