गांव, पगडंडी में दिखने लगे नेताजी, बिछ रहीं बिसात पर गायब है युवा जोश, आखिर रुद्रप्रयाग जिले में क्यों थमा उत्साह
1 min read06/07/2025 2:09 pm
हरीश गुसाई / अगस्त्यमुनि।
त्रि.स्तरीय पंचायत चुनाव में नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद अभी चुनाव की स्थिति कुछ अस्पष्ट नजर आ रही है। अभी नामांकन पत्रों की जांच एवं नाम वापसी भी होनी है। जिसके बाद ही चुनाव की स्थिति पर छाया कुहासा दूर होगा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में लोगों की काफी उत्सुकता थी। परन्तु आरक्षण का रोस्टर फिर से शून्य से प्रारम्भ होने के कारण कईयों के सपने सीट आरक्षण के चलते धूमिल हो गये। बरसात के सीजन में पंचायत चुनाव कराये जाने का भी असर नामांकन प्रक्रिया के दौरान देखने को मिला। जब काफी कम संख्या में ग्रामीण ब्लॉक मुख्यालयों में नामांकन के लिए पहुंचे।
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प्रदेश के बड़े ब्लॉकों में शुमार अगस्त्यमुनि ब्लॉक में जहां पिछले चुनावों में नामांकन के दौरान भारी भीड़ नजर आती थी। वहीं इस वर्ष वैसी भीड़ नजर नहीं आई। अनारक्षित सीट के अलावा अन्य सीटों पर उम्मीदवारों की संख्या बहुत ही कम नजर आई। इस बार के चुनावों में युवाओं की भागेदारी अधिक दिख रही है। जो छोटी पंचायतों के लिए शुभ संकेत माना जा सकता है। अगस्त्यमुनि ब्लॉक में कुल 159 ग्राम पंचायतें हैं। जिसके सापेक्ष केवल 415 ही नामांकन हुए। अगर प्रति ग्राम पंचायत इसका औसत निकाला जाय तो प्रति ग्राम पंचायत केवल 2.6 उम्मीदवार ही चुनाव लड़ रहे हैं। अनारक्षित सीट पर उम्मीदवारों की संख्या अधिक है। जबकि कई ग्राम पंचायतों में निर्विरोध प्रधान भी बने हैं। जिसमें महिलाओं की संख्या अधिक है। प्रधान पद पर तो फिर उम्मीदवारों की संख्या फिर भी सन्तोषजनक कही जा सकती है परन्तु सदस्य ग्राम पंचायत के पदों पर नामांकन में कम ही लोंगों ने रूचि दिखाई। जिन्होंने नामांकन भी कराया है तो उसका मकसद उप प्रधान बनने का है। ब्लॉक में 159 ग्राम पंचायतों में कुल 1145 पंचायत सदस्य हैं। परन्तु नामांकन केवल 454 ही हो पाये। जो कि 39 प्रतिशत ही है। यानी निर्वाचन होने के बाद गिनती के प्रधान ही विधिवत कार्य प्रारम्भ कर पायेंगे। क्यांेकि अधिकांश ग्राम पंचायतों में सदस्य न होने से उन ग्रामों के प्रधान जीतने के बाद भी कार्य नहीं कर पायेंगे। इसके लिए उन्हें फिर से इन्तजार करना पड़ेगा। वहीं क्षेत्र पंचायत सदस्य पद हेतु भी नामांकन में भी उत्साह की कमी नजर आई। प्रमुख पद अनु0जा0 महिला के लिए आरक्षित होने के कारण कई नेताओं की प्रमुख बनने की चाह धराशाही होने से उत्साह ठण्डा ही रहा। कुल 40 पदों के सापेक्ष 140 नामांकन हुए। जो औसतन 3.5 प्रति सीट रहा। जिला पंचायत की सीटों पर भी केवल अनारक्षित सीट पर दावेदारों की अधिकता देखी गई। जबकि अन्य सीटों पर कम दावेदार नजर आये। ब्लॉक में जिला पंचायत की कुल आठ सीटें हैं जिनमें चार अनारक्षित हैं। उन्हीं चारों सीटों पर उम्मीदवारों की संख्या अधिक है। हालांकि अभी जिला पंचायत अध्यक्ष का आरक्षण स्पष्ट नहीं है, परन्तु अनारक्षित सीट पर चुनाव लड़ने वाला हर उम्मीदवार जिला पंचायत अध्यक्ष की दावेदारी बता कर वोटरों को लुभाने की कोशिश कर रहा है। आठ सीटों पर कुल 49 उम्मीदवारों ने नामांकन कराया है। जो औसतन छः उम्मीदवार प्रति सीट है। अब नामांकन पत्रों की जांच व नाम वापसी के बाद ही चुनाव की स्थिति स्पष्ट हो पायेगी।
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