उत्तराखंड में मानसून का कहर: रुद्रप्रयाग, चमोली सहित चार जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, प्रशासन सतर्क
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10/07/20251:12 pm
दस्तक पहाड़ न्यूज देहरादून, 10 जुलाई 2025: उत्तराखंड में मानसून ने एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग ने आज (10 जुलाई 2025) राज्य के चार जिलों रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चमोली और नैनीताल में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि कुछ स्थानों पर रेड अलर्ट की संभावना भी जताई गई है। बारिश के साथ तेज हवाएं और आकाशीय बिजली गिरने की आशंका ने प्रशासन और स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह के अनुसार, मानसून इस समय पूरे उत्तराखंड में सक्रिय है। रुद्रप्रयाग और बागेश्वर में भारी बारिश के साथ भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। चमोली और नैनीताल में भी तेज बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने की आशंका है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में 30-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और गरज-चमक के साथ तीव्र बौछारों की संभावना जताई है। मानसून की इस तीव्रता ने चारधाम यात्रा को भी प्रभावित किया है। भारी बारिश और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने तीर्थयात्रियों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। रुद्रप्रयाग और चमोली में केदारनाथ और बद्रीनाथ मार्ग पर भूस्खलन की घटनाएं पहले ही सामने आ चुकी हैं, जिसके कारण कई जगहों पर यातायात बाधित है। यमुनोत्री और गंगोत्री हाईवे पर भी मलबा आने की खबरें हैं।
उत्तराखंड सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सभी प्रभावित जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात की गई हैं। स्थानीय प्रशासन को नदियों के किनारे बसे गांवों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के निर्देश दिए गए हैं। बागेश्वर में सभी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र आज बंद रखे गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर लोगों से अपील की, “मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी दी है। सभी नागरिक सतर्क रहें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।”
रुद्रप्रयाग और चमोली में अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच रहा है। नैनीताल में भवाली और हल्द्वानी जैसे निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है। बागेश्वर के कपकोट और गरुड़ जैसे क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय लोगों को नदियों और पहाड़ी ढलानों से दूर रहने की सलाह दी गई है। पिछले कुछ दिनों में बारिश के कारण कई सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिससे यातायात और आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित हुई है। चमोली के मुख गांव में हाल ही में बादल फटने की घटना ने भी लोगों को दहशत में डाल रखा है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। 11 जुलाई को भी रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चमोली और पिथौरागढ़ में भारी बारिश की संभावना है। देहरादून, टिहरी और पौड़ी गढ़वाल में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे पहाड़ी इलाकों में ठंड बढ़ गई है। मौसम विभाग और प्रशासन ने लोगों से नदियों, नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है। चारधाम यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे मौसम अपडेट्स नियमित रूप से जांचें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। उत्तराखंड में मानसून का यह कहर कब थमेगा, इसकी सटीक भविष्यवाणी करना मुश्किल है, लेकिन मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जुलाई के मध्य तक बारिश की गतिविधियां तीव्र रह सकती हैं।
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उत्तराखंड में मानसून का कहर: रुद्रप्रयाग, चमोली सहित चार जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, प्रशासन सतर्क
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दस्तक पहाड़ न्यूज देहरादून, 10 जुलाई 2025: उत्तराखंड में मानसून ने एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग ने आज (10 जुलाई 2025) राज्य के चार
जिलों रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चमोली और नैनीताल में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि कुछ
स्थानों पर रेड अलर्ट की संभावना भी जताई गई है। बारिश के साथ तेज हवाएं और आकाशीय बिजली गिरने की आशंका ने प्रशासन और स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह के अनुसार, मानसून इस समय पूरे उत्तराखंड में सक्रिय है। रुद्रप्रयाग और बागेश्वर में भारी बारिश के
साथ भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। चमोली और नैनीताल में भी तेज बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने की आशंका है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में 30-50
किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और गरज-चमक के साथ तीव्र बौछारों की संभावना जताई है। मानसून की इस तीव्रता ने चारधाम यात्रा को भी प्रभावित किया है।
भारी बारिश और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने तीर्थयात्रियों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। रुद्रप्रयाग और चमोली में
केदारनाथ और बद्रीनाथ मार्ग पर भूस्खलन की घटनाएं पहले ही सामने आ चुकी हैं, जिसके कारण कई जगहों पर यातायात बाधित है। यमुनोत्री और गंगोत्री हाईवे पर भी
मलबा आने की खबरें हैं।
उत्तराखंड सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सभी प्रभावित जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें
संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात की गई हैं। स्थानीय प्रशासन को नदियों के किनारे बसे गांवों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के निर्देश
दिए गए हैं। बागेश्वर में सभी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र आज बंद रखे गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर लोगों से अपील की, “मौसम विभाग ने भारी
बारिश की चेतावनी दी है। सभी नागरिक सतर्क रहें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।”
रुद्रप्रयाग और चमोली में अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच रहा है। नैनीताल में भवाली और हल्द्वानी जैसे निचले इलाकों में
जलभराव की स्थिति बन सकती है। बागेश्वर के कपकोट और गरुड़ जैसे क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय लोगों को नदियों और पहाड़ी ढलानों से दूर
रहने की सलाह दी गई है। पिछले कुछ दिनों में बारिश के कारण कई सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिससे यातायात और आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित हुई है। चमोली के मुख गांव
में हाल ही में बादल फटने की घटना ने भी लोगों को दहशत में डाल रखा है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। 11 जुलाई को भी
रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चमोली और पिथौरागढ़ में भारी बारिश की संभावना है। देहरादून, टिहरी और पौड़ी गढ़वाल में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। तापमान में
भी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे पहाड़ी इलाकों में ठंड बढ़ गई है। मौसम विभाग और प्रशासन ने लोगों से नदियों, नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने
की अपील की है। चारधाम यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे मौसम अपडेट्स नियमित रूप से जांचें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। उत्तराखंड में
मानसून का यह कहर कब थमेगा, इसकी सटीक भविष्यवाणी करना मुश्किल है, लेकिन मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जुलाई के मध्य तक बारिश की गतिविधियां तीव्र रह सकती
हैं।