दस्तक पहाड न्यूज अगस्त्यमुनि।। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित 10 दिवसीय संकल्प कार्यक्रम के तहत मंगलवार को "बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ" योजना के अंतर्गत विशेष अभियान आयोजित किया गया। इस दौरान महिला अधिकारियों के साथ छात्राओं ने सेल्फी अभियान में भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य बालिकाओं को उच्च शिक्षा, रोजगार एवं समाज में उच्च पदों पर कार्यरत महिलाओं से प्रेरणा दिलाना था। अधिकारियों ने बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनने तथा शिक्षा के महत्व को समझने का संदेश दिया। जहां एक ओर विभाग बालिकाओं को उच्च शिक्षा हेतु प्रेरित करने का प्रयास कर रहा है, वहीं दूसरी ओर विभागीय लापरवाही से कई बालिकाएं शिक्षा के अवसर से वंचित हो रही हैं। "बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ" योजना के तहत गरीब परिवारों की बालिकाओं को इग्नू में निःशुल्क दाखिले की सुविधा दी

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जाती है। परंतु विभागों की लापरवाही से समय पर परीक्षा शुल्क जमा न किए जाने के कारण पिछले सत्र में 25 छात्राएं परीक्षा देने से वंचित रह गई थीं। अब फिर वही स्थिति बन रही है। इग्नू परीक्षा फीस जमा करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर है, लेकिन विभाग द्वारा फीस जमा न करने से 37 छात्राओं की पढ़ाई के साथ-साथ 20 बालिकाओं को सरकार की नन्दा गौरा धन योजना का लाभ भी खतरे में पड़ सकता है। इग्नू कार्डिनेटर डा केपी चमोली ने कहा कि विभाग द्वारा अभी तक शुल्क जमा नहीं करवाया गया है। यदि समय से प्रवेश शुल्क जमा नहीं होता है तो प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाली 20 बालिकाओं को नन्दा गौरा धन योजना का लाभ लेने में समस्या न आये इसलिए बालिकाओं को स्वंय फीस जमा करवाने हेतु कहा गया है। जिला कार्याक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्रा ने कहा कि इस सम्बन्ध में कार्यवाही की जा रही है। बालिकाओं को प्रोत्साहित करने और शिक्षा से जोड़ने की कवायद यदि केवल अभियानों और फोटोशूट तक सीमित रही, तो ज़मीनी हकीकत में बेटियों के भविष्य से खिलवाड़ ही होगा।