मन्दाकिनी शरदोत्सव व किसान विकास मेले में पारदर्शिता की मांग तेज, जनता बोली परंपरा और गरिमा बचाना जरूरी, प्रशासन से नगर पंचायत को जिम्मेदारी सौंपने की मांग
1 min read14/09/2025 6:53 pm

दस्तक पहाड न्यूज अगस्त्यमुनि।।
अगस्त्यमुनि मंदिर परिसर में रविवार को अगस्त्य महोत्सव एवं वैशाखी मेला समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई। बैठक की अध्यक्षता पदान नाकोट राजेन्द्र सिंह नेगी ने की, जिसमें नगर पंचायत के सम्मानित सभासदों, गणमान्य नागरिकों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की। बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी नवम्बर माह में राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित होने वाले मंदाकिनी शरदोत्सव एवं किसान विकास मेले को आकर्षक बनाना तथा इसके संचालन में व्याप्त अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को समाप्त करना रहा। बैठक में उपस्थित लोगों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री द्वारा मेले को राजकीय घोषित किए जाने के बावजूद समिति द्वारा अब तक आम बैठक आयोजित नहीं की जाती। मेला समिति बिना दिशा-निर्देशों के ठेकेदार को मेला सौंप देती है, जिसके चलते दुकानदारों से मनमानी वसूली होती है। मेले में अच्छे कलाकारों को आमंत्रित नहीं किया जाता, जिससे आयोजन का स्तर लगातार गिर रहा है। समिति द्वारा आय-व्यय का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया जाता।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे राजेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि मेले के सफल संचालन के लिए पारदर्शिता, सबकी सहभागिता आवश्यक है। प्रशासन को नगर पंचायत अगस्त्यमुनि को जिम्मेदारी सौंपने के निर्देश देने चाहिए।
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पूर्व जिला पंचायत सदस्य दीपा देवी आर्य ने कहा कि अगस्त्यमुनि मैदान में आयोजित होने वाले मेले हमारी संस्कृति के प्रतीक है लेकिन आज मेले का स्तर गिरना दुर्भाग्यपूर्ण है। महिलाओं और ग्रामीणों की भागीदारी बढ़ाने के लिए योजनाबद्ध कार्यक्रम जरूरी हैं।
मंदिर मठाधीश योगेश बेंजवाल ने कहा कि “मंदाकिनी शरदोत्सव क्षेत्र की पहचान है, इसे मात्र ठेके की तरह बेचने से इसकी गरिमा कम हो रही है। इससे भगवान अगस्त्य के नाम को बदनाम किया जा रहा है। प्रशासन को हस्तक्षेप कर पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए।”
संघर्ष समिति के सचिव राजेश बेंजवाल ने कहा कि “हर बार मनमानी वसूली से आम दुकानदार परेशान होते हैं। इस बार नगर पंचायत को सीधा जिम्मा दिया जाना चाहिए, ताकि लूट की प्रवृत्ति पर रोक लगे।
सामाजिक कार्यकर्त्ता शेखर नौटियाल ने कहा कि “मेले में स्थानीय कलाकारों और किसानों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। बाहरी ठेकेदारों के भरोसे छोड़ा गया आयोजन जनता के विश्वास के साथ खिलवाड़ है।
श्री अगस्त्य मंदिर आचार्य भूपेन्द्र बेंजवाल ने कहा कि “धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संतुलन इस मेले की विशेषता रहा है। समिति को चाहिए कि पारदर्शी तरीके से कलाकारों व स्थानीय गणमान्यों को शामिल कर परंपरा को जीवित रखें।”
बैठक में मौजूद सभासदों और गणमान्य लोगों ने प्रशासन से विनती की कि मंदाकिनी शरदोत्सव एवं किसान विकास मेले को पारदर्शी, आकर्षक और क्षेत्र की गरिमा के अनुरूप बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएँ। साथ ही, वैशाखी मेला समिति ने नगर पंचायत को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन भी दिया।
बैठक में नगर पंचायत सभासद नाकोट उमा कैन्तुरा, सभासद बनियाड़ी कमल राणा, अगस्त्यमुनि सौड़ बचाओ संघर्ष समिति धर्म सिंह राणा, कीर्तन मंडली अध्यक्ष शाकम्भरी खत्री, सर्वेश्वरी गुसांई, वैष्णी सेमवाल, रामलीला कमेटी संरक्षक सुशील गोस्वामी, सुनील नेगी, उपाध्यक्ष व्यापार संघ रोहित रावत, धर्मेन्द्र सिंह, आशीष राणा, रजनी रावत, अभिषेक चौहान सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित हुए।
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मन्दाकिनी शरदोत्सव व किसान विकास मेले में पारदर्शिता की मांग तेज, जनता बोली परंपरा और गरिमा बचाना जरूरी, प्रशासन से नगर पंचायत को जिम्मेदारी सौंपने की मांग
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