अभी हाथ की मेहंदी सूखी भी नहीं थी सबको रूलाकर चली गई अनीशा, पहाड़ के रैफर सेंटर बन चुके अस्पतालों की शिकार बनी बेटी
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15/09/202511:15 pm
अभी हाथ की मेहंदी सूखी भी नहीं थी सबको रूलाकर चली गई अनीश।सबको इंतजार था कि अनीशा ठीक होकर घर लोटेगी लेकिन क्या मालूम था की ऐसा दुख देखकर जाएगी,ना बच्चा मां देख पाया ना मां बच्चे को हे भगवान इतना अन्याय क्यों?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत कभी इन अस्पतालों का भी सर्वे करवाओ की पहाड़ की स्थिति कितनी दयनीय है,कब तक हमारी बहनें जिंदगी गंवाती रहेंगी और आप अपनी छवि चमकाने में लगे रहेंगे। अभी शादी किए एक साल नहीं हुआ था लेकिन अनीशा एक अभागा पुत्र को जन्म देकर दुनिया छोड़कर चली गई है शायद भगवान को यही मंजूर था अभी तितराणा जसपाल और अनीशा की शादी का पूरा एक साल भी नहीं हुआ की ना जाने इस राम सीता की जोड़ी पर किसकी बूरी नजर लग गई अभी हाथ की मेंहदी ठीक तरह सूखी भी नहीं थी और और अनीशा जसपाल को छोड़कर चली गई सात जन्म का वादा अधूरा रह गया,6 सितंबर के दिन परिवार में खुशियां थी की अनीशा ने पुत्र को जन्म दे दिया लेकिन क्या मालूम था कि ये क्षणिक खुशियां मातम में बदलेंगी डिलीवरी के बाद अनीशा को पिलखी अस्पताल के डाक्टरों ने रेफर किया एक दिन अनीशा घर रही फिर उसको श्रीनगर, श्रीकोट लेकर गये लेकिन अस्पताल ने इनकार कर दिया जिसके बाद फिर ऋषिकेश निर्मल में लेकर गये लेकिन अस्पताल ने भी मना कर दिया उसके बाद इंद्रेश अस्पताल देहरादून में 8 सितंबर में आइसीयू में थी थोड़ा से तबियत ठीक हुई लेकिन अचानक कल रात अनीशा की तबियत अचानक बिगड़ी और अनीशा हमें निराश करके चली गई, लेकिन जहां तक बात पिलखी अस्पताल की है कि जहां मेरे परिवार में तीन ऐसी घटना इसी अस्पताल में हुई पहले हमारे एक भाई का लड़का हुआ था 8 साल पहले डॉक्टरों की लापरवाही से जान गई वहीं दूसरे एक चाची के लड़के का लड़का हुआ था वह भी होते ही कुछ मिनट बाद दुनिया से चले गया,यह तीसरी घटना है एक समय पिलखी अस्पताल में लगातार सुधार हुआ था जब श्याम विजय की देखरेख में था लेकिन उनकी पदोन्नति के बाद फिर पिल्खी अस्पताल अपने डरे पर आ गया है और लगातार इस तरह की शिकायतें मिल रही है मैंने सीएमो डॉ श्याम विजय से बात की कि लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा लेकिन सवाल यह है कि कब तक उत्तराखंड की मां बहिने कब तक जिंदगी गंवाती रहेंगी और सरकार कह रही स्वस्थ उत्तराखंड विकसित उत्तराखंड भूली अनीशा माफ करना तमाम कोशिशों के बाद भी हम तुझे ना बचा पाए बस हमारे पास आंसू हैं।
अभी हाथ की मेहंदी सूखी भी नहीं थी सबको रूलाकर चली गई अनीशा, पहाड़ के रैफर सेंटर बन चुके अस्पतालों की शिकार बनी बेटी
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अभी हाथ की मेहंदी सूखी भी नहीं थी सबको रूलाकर चली गई अनीश।सबको इंतजार था कि अनीशा ठीक होकर घर लोटेगी लेकिन क्या मालूम था की ऐसा दुख देखकर जाएगी,ना बच्चा
मां देख पाया ना मां बच्चे को हे भगवान इतना अन्याय क्यों?
दीपक कैंतुरा / घनशाली।।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत कभी इन अस्पतालों का भी सर्वे करवाओ की पहाड़ की स्थिति कितनी दयनीय है,कब तक हमारी बहनें
जिंदगी गंवाती रहेंगी और आप अपनी छवि चमकाने में लगे रहेंगे। अभी शादी किए एक साल नहीं हुआ था लेकिन अनीशा एक अभागा पुत्र को जन्म देकर दुनिया छोड़कर चली गई है
शायद भगवान को यही मंजूर था अभी तितराणा जसपाल और अनीशा की शादी का पूरा एक साल भी नहीं हुआ की ना जाने इस राम सीता की जोड़ी पर किसकी बूरी नजर लग गई अभी हाथ की
मेंहदी ठीक तरह सूखी भी नहीं थी और और अनीशा जसपाल को छोड़कर चली गई सात जन्म का वादा अधूरा रह गया,6 सितंबर के दिन परिवार में खुशियां थी की अनीशा ने पुत्र को
जन्म दे दिया लेकिन क्या मालूम था कि ये क्षणिक खुशियां मातम में बदलेंगी डिलीवरी के बाद अनीशा को पिलखी अस्पताल के डाक्टरों ने रेफर किया एक दिन अनीशा घर रही
फिर उसको श्रीनगर, श्रीकोट लेकर गये लेकिन अस्पताल ने इनकार कर दिया जिसके बाद फिर ऋषिकेश निर्मल में लेकर गये लेकिन अस्पताल ने भी मना कर दिया उसके बाद
इंद्रेश अस्पताल देहरादून में 8 सितंबर में आइसीयू में थी थोड़ा से तबियत ठीक हुई लेकिन अचानक कल रात अनीशा की तबियत अचानक बिगड़ी और अनीशा हमें निराश करके
चली गई, लेकिन जहां तक बात पिलखी अस्पताल की है कि जहां मेरे परिवार में तीन ऐसी घटना इसी अस्पताल में हुई पहले हमारे एक भाई का लड़का हुआ था 8 साल पहले डॉक्टरों
की लापरवाही से जान गई वहीं दूसरे एक चाची के लड़के का लड़का हुआ था वह भी होते ही कुछ मिनट बाद दुनिया से चले गया,यह तीसरी घटना है एक समय पिलखी अस्पताल में
लगातार सुधार हुआ था जब श्याम विजय की देखरेख में था लेकिन उनकी पदोन्नति के बाद फिर पिल्खी अस्पताल अपने डरे पर आ गया है और लगातार इस तरह की शिकायतें मिल रही
है मैंने सीएमो डॉ श्याम विजय से बात की कि लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा लेकिन सवाल यह है कि कब तक उत्तराखंड की मां
बहिने कब तक जिंदगी गंवाती रहेंगी और सरकार कह रही स्वस्थ उत्तराखंड विकसित उत्तराखंड भूली अनीशा माफ करना तमाम कोशिशों के बाद भी हम तुझे ना बचा पाए बस
हमारे पास आंसू हैं।