दस्तक पहाड न्यूज देहरादून।। उत्तराखण्ड से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर देहरादून जिले से सामने आ रही है जहां उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा से महज एक दिन पहले एसटीएफ और देहरादून पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए नकल माफिया के खेल को बेनकाब कर दिया। इस कार्रवाई में गिरोह का सरगना हाकम सिंह और उसका साथी पंकज गौड़ गिरफ्तार किए गए हैं। आरोप है कि दोनों परीक्षा में सफलता दिलाने का झांसा देकर अभ्यर्थियों से लाखों रुपये वसूलने की फिराक में थे।बताया जा रहा है कि नकल माफिया हाकम सिंह ने अपने गिरोह के साथ 6 अभ्यर्थियों से 15-15 लाख की मांग की थी। आपको बता दें कि उत्तराखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं का नकल सरगना हाकम सिंह रावत मूल रूप से उत्तरकाशी जिले का रहने वाला है और इससे पहले भी जेल की हवा खा चुका है बावजूद इसके एक बार फिर उसका सक्रिय हो

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जाना कानून और न्याय व्यवस्था पर भी प्रश्न चिन्ह लगा रहा है । गुप्त सूचना पर बिछाया गया जाल - पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता आईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि शनिवार सुबह से ही गिरोह की गतिविधियों को लेकर इनपुट मिल रहे थे। जानकारी थी कि सरगना हाकम सिंह आगामी परीक्षा में छह अभ्यर्थियों से 12 से 15 लाख रुपये तक की मांग कर रहा है। एसटीएफ और देहरादून पुलिस ने मिलकर पटेलनगर क्षेत्र में जाल बिछाया और दोनों को रंगे हाथों पकड़ लिया।प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी अभ्यर्थियों को परीक्षा पास कराने का भरोसा दिलाकर मोटी रकम ऐंठने की योजना बना चुके थे। अगर कोई उम्मीदवार स्वाभाविक रूप से चयनित हो जाता तो रकम को अपनी जेब में डाल लेते और असफल होने वालों को अगली परीक्षा में पैसे एडजस्ट करने का झांसा देकर दोबारा फंसाने का प्लान था। एसटीएफ एसएसपी नवनीत भुल्लर और देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि गिरोह लंबे समय से इस मौके का इंतजार कर रहा था। परीक्षा की गोपनीयता सुरक्षित - पुलिस अधिकारियों ने साफ किया कि इस पूरे प्रकरण में 22 सितंबर को होने वाली परीक्षा की शुचिता और गोपनीयता पर कोई आंच नहीं आई है। आरोपियों के खिलाफ उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम एवं उपाय) नकल विरोधी अध्यादेश 2023 के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।