अगस्त्यमुनि अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर न होने से स्थानीय जनता ने 20 नवम्बर से जन-आंदोलन की चेतावनी दी
1 min read25/10/2025 3:10 pm

अगस्त्यमुनि।
दस्तक पहाड न्यूज। केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख केंद्र अगस्त्यमुनि में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी के चलते स्थानीय जनता में गहरा रोष है। स्थिति यह है कि अस्पताल से विशेषज्ञ चिकित्सकों के न होने से यह केवल रेफर सेण्टर बना हुआ है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के स्थानांतरण के बाद अब तक किसी की नियुक्ति नहीं हो पाई है, जिससे पूरी केदारघाटी की डेढ़ लाख आबादी को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के सभागार में नपं अध्यक्ष राजेन्द्र गोस्वामी की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें अगस्त्यमुनि के नगर उद्योग व्यापार मंडल, नगर पंचायत, सेवा निवृत कर्मचारी संगठन एवं स्थानीय जनता ने प्रतिभाग किया। व्यापार मंडल के अध्यक्ष त्रिभुवन सिंह नेगी और प्रदेश मंत्री मोहन रौतेला ने बताया कि पूर्व में नियुक्त विशेषज्ञ डॉक्टर अब अस्पताल में नहीं हैं, जिससे स्वास्थ्य केंद्र केवल नाम का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनकर रह गया है। उन्होंने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि एक तरफ सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का दावा करती है, वहीं दूसरी तरफ अगस्त्यमुनि जैसे महत्वपूर्ण स्थान पर विशेषज्ञ डॉक्टर ही नहीं हैं। इसकी वजह से गर्भवती महिलाओं, बच्चों और हड्डी संबंधी समस्याओं वाले मरीज़ों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नगर पंचायत अध्यक्ष राजेन्द्र गोस्वामी ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में तत्काल बाल रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग, स्त्री रोग, जनरल फिजिशियन एवं जनरल सर्जन की नियुक्ति होनी अति आवश्यक है। इस सम्बन्ध में पहले भी जिलाधिकारी को ज्ञापवन दिया गया था। जिस पर उन्होंने शीघ्र ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति का आश्वासन दिया था। परन्तु अभी तक कोई भी विशेषज्ञ चिकित्सक अगस्त्यमुनि नहीं आया। सेवा निवृत संयुक्त शिक्षा निदेशक रमेश चमोला ने कहा कि पूर्व विधायक स्व0 शैलारानी रावत के अथक प्रयासों से जनरल फिजिशियन, बाल रोग, जनरल सर्जन सहित रेडियोलोजिस्ट एवं हड्डी रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति अगस्त्यमुनि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में हुई थी। परन्तु उनकी मृत्यु के बाद ही अगस्त्यमुनि से सभी विशेषज्ञ चिकित्सकों का स्थानान्तरण बिना उनके स्थानापन्न आये कर दिया गया। जो कि नगर क्षेत्र की जनता के साथ अन्याय है। इस गंभीर समस्या को लेकर जिलाधिकारी महोदय को एक कड़ा पत्र लिखा गया है, जिसमें साफ चेतावनी दी गई है कि यदि 20 नवम्बर तक डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं हुई तो, नगर उद्योग व्यापार मंडल अगस्त्यमुनि, नगर पंचायत के सभी सभासद, वरिष्ठ सेवानिवृत्त कर्मचारी संगठन और समस्त जनमानस साथ मिलकर सड़कों पर उतरेगा और एक बड़ा जन-आंदोलन छेड़ेगा। आंदोलन से उत्पन्न होने वाली किसी भी अप्रिय स्थिति की पूरी ज़िम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी। बैठक में नगर व्यापार मण्डल के कोषाध्यक्ष विक्रम नेगी, त्रिभुवन बुटोला, हरीश गुसाईं आदि मौजूद रहे।
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