मन्दाकिनी शरदोत्सव में अचानक अवतरित हुए लोगों पर देवता, गाथा सुन हाथ जोड़ते दिखे मेलार्थी, जय केदार कला मंच की जीवंत प्रस्तुति
1 min read10/11/2025 5:08 pm

दस्तक पहाड न्यूज अगस्त्यमुनि। मन्दाकिनी शरदोत्सव एवं कृषि औद्योगिक विकास मेला के चौथे दिन सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक चेतना का समन्वय देखने को मिला। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीकेटीसी के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि उत्तराखण्ड की अस्मिता उसकी संस्कृति, लोकधरोहर और सामुदायिक एकजुटता में बसती है। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि सरकार केवल घोषणाएँ करने तक सीमित न रहे, बल्कि गांवों में पलायन रोकने, युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने और महिलाओं के सशक्तिकरण पर ठोस कदम उठाए। कहा कि संस्कृति को मंच पर सम्मान मिलना अच्छी बात है, पर जमीनी स्तर पर सामाजिक एवं आर्थिक ढांचा मजबूत होना ही उसकी वास्तविक रक्षा है।
विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक मनोज रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड का निर्माण आंदोलन की चेतना और जनसंकल्प से हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य की दिशा उन मूल्यों से संचालित होनी चाहिए, जिनके लिए आंदोलनकारियों ने संघर्ष किया था। कहा कि यदि पहाड़ों में रोजगार और बुनियादी सुविधाएँ नहीं पहुंचीं तो विकास केवल कागज़ों और मंचों पर ही सीमित रह जाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर पंचायत अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गोस्वामी ने की। उन्होंने कहा कि मन्दाकिनी शरदोत्सव लोकसंस्कृति और स्थानीय प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने का सशक्त माध्यम बना है, जिससे समाज के भीतर जुड़ाव और पहचान की भावना मजबूत होती है।इससे पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर राज्य आंदोलन के शहीदों को नमन किया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण केदार कला मंच द्वारा प्रस्तुत हिरण्यकश्यप पर आधारित नाट्य प्रस्तुति रही, जिसका निर्देशन अखिलेश नेगी ने किया। नाटक में दैत्यराज हिरण्यकश्यप के अहंकार, उसके पुत्र प्रहलाद की भगवान विष्णु के प्रति अडिग भक्ति तथा अंततः नरसिंह अवतार द्वारा हिरण्यकश्यप के संहार का दृश्य प्रभावी रूप से मंचित किया गया। प्रस्तुति का संदेश यह रहा कि सत्य, धैर्य और आस्था अंततः अन्याय और अहंकार पर विजय प्राप्त करते हैं। दर्शकों ने प्रस्तुति की खूब सराहना की। मेला समिति के संयोजक विक्रम नेगी ने कहा कि समिति स्थानीय कला, संस्कृति और लोकनाट्य परम्परा को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। कहा कि मेला समाज के सामूहिक और सांस्कृतिक विरासत को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम है। इस अवसर पर प्रमुख जखोली विनीता चमोली, नगर पंचायत अध्यक्ष कुब्जा धरवाण, पूर्व ब्लॉक प्रमुख जखोली प्रदीप थपलियाल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुलदीप कंडारी, अंकुर रौथाण, देवेश्वरी देवी, दीपा देवी, रजनी देवी, अर्जुन सिंह गहरवार, जिला पंचायत सदस्य जयवर्धन कांडपाल, पवन कुमार, किरन देवी, सरोज राणा, गुड्डू लाल, ईश्वर सिंह बिष्ट सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण, जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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