दस्तक पहाड न्यूज अगस्त्यमुनि।। तल्लानागपुर पट्टी की सुप्रसिद्ध राजराजेश्वरी मां चण्डिका बन्याथ हेतु ब्रह्मशक्ति उदय की परंपरागत अनुष्ठानिक प्रक्रिया आज पूर्ण विधि-विधान के साथ प्रारंभ हो गई। 25 वर्ष बाद आयोजित हो रही इस ऐतिहासिक देवरा–बन्याथ ने पूरे क्षेत्र में उत्साह, आस्था और श्रद्धा का नया संचार किया है।

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प्रातःकाल फलासी स्थित श्री तुंगनाथ मंदिर से पंचकोटी के ग्रामीण परंपरागत दही–परोठी लेकर ब्रह्मकोटी के ब्राह्मणों को लेने बेंजी गांव पहुंचे। जहां से आचार्य हरीश बेंजवाल, जगदम्बा बेंजवाल, कैलाश बेंजवाल, अनसूया बेंजवाल, अरुण बेंजवाल, अनिल बेंजवाल, देवेंद्र बेंजवाल, संदीप बेंजवाल, प्रवीण बेंजवाल, मनीष बेंजवाल, दिनेश बेंजवाल, दीपक बेंजवाल, सूरज बेंजवाल, कृष्णा बेंजवाल तथा फलासी गांव से श्री तुंगनाथ मंदिर के अर्चक विशम्भर भट्ट और त्रिलोचन भट्ट को श्री तुंगनाथ मंदिर समिति एवं पंचकोटी के लोगों द्वारा मंदिर परिसर में पारंपरिक ढोल–दमाऊं के साथ लाया गया। मंदिर समिति के अध्यक्ष मान वीरेंद्र बर्त्वाल तथा सचिव पुराण सिंह खत्री, प्रबंधक रणजीत सिंह नेगी, कोषाध्यक्ष यशवंत सिंह नेगी, मगन सिंह, उपाध्यक्ष कैप्टन दलवीर सिंह राणा द्वारा सभी का अक्षत तिलक देकर स्वागत किया गया। आचार्य हरीश बेंजवाल ने बताया कि “25 साल बाद आयोजित हो रही इस देवरा बन्याथ के लिए पूरे क्षेत्र में अपार उत्साह है। मां भगवती के दिव्य दर्शन का सौभाग्य हर भक्त को प्राप्त होगा। आज रात्रि पर्यन्त विशेष पूजाऐ सम्पादित होंगी और रविवार ब्रह्म मुहूर्त में मां भगवती की ब्रह्मशक्ति का शुभ प्राकट्य होगा। वहीं मंदिर समिति के अध्यक्ष मानवीरेंद्र बर्त्वाल ने बताया कि मां भगवती के देवरा की सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं और रविवार ब्रह्म मुहूर्त में समस्त भक्तों को मां भगवती का पुण्यदर्शन देगी। उन्होंने पंचकोटी गांवों एवं क्षेत्रवासियों से इस पुण्य कार्य में श्रद्धापूर्वक सहयोग और दर्शन की आकांक्षा व्यक्त की। मां चण्डिका की देवरा यात्रा तल्ला नागपुर पट्टी की सदियों पुरानी धार्मिक परंपरा है। जिसमें मां भगवती ब्रह्मशक्ति और फर्श के रुप में स्वयं घर–घर जाती हैं भक्तों की कुशल-क्षेम पूछती हैं और पूरे क्षेत्र को आशीर्वाद और संरक्षण प्रदान करती हैं। मां से गांवों में शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना की जाती है देवरा यात्रा को क्षेत्र में शुभता, रक्षा और देवी कृपा का प्रतीक माना जाता है। 25 वर्षों बाद इसका पुनः आयोजन होना स्थानीय जनता के लिए अत्यंत सौभाग्य और ऐतिहासिक क्षण माना जा रहा है। आने वाले दिनों में बन्याथ प्रक्रिया के विभिन्न चरण संपन्न होंगे, जिनमें बड़ी संख्या में भक्तों की सहभागिता की संभावना है।रविवार का ब्रह्म मुहूर्त मां चण्डिका के दिव्य दर्शन के लिए पूरे क्षेत्र में उत्सुकता का केंद्र बना हुआ है।