दस्तक पहाड न्यूज अगस्त्यमुनि। नगर उद्योग व्यापार मंडल अगस्त्यमुनि ने नगर पंचायत प्रशासन को एक बार फिर कड़ा पत्र जारी करते हुए साफ कहा है कि नगर क्षेत्र में रहने और काम करने वाले बाहरी मजदूरों, कामगारों और विदेशी मूल (नेपाली) कारीगरों के लिए तुरंत मजदूरी लाइसेंस और रेट मानक तय किए जाएं। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं होती, तो इस वित्तीय वर्ष में व्यापारी किसी भी प्रकार का लाइसेंस, शुल्क या कर नगर पंचायत को नहीं देंगे। नगर उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष त्रिभुवन सिंह

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नेगी, महामंत्री मनीष बिष्ट और कोषाध्यक्ष विक्रम नेगी द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि नगर पंचायत द्वारा हर प्रकार की फीस और लाइसेंस सिर्फ स्थानीय व्यापारियों से लिए जा रहे हैं, जबकि नगर क्षेत्र में करीब 3,000 बाहरी राज्य के मजदूर और नेपाली मूल के कारीगर वर्षों से बिना लाइसेंस कार्य कर रहे हैं और मनमाने रेट लेकर लोगों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं। अध्यक्ष त्रिभुवन सिंह नेगी ने कहा जब ऑनलाइन मार्केट ने पहले ही स्थानीय बाजार की कमर तोड़ दी है, ऐसे में नगर पंचायत का पूरा आर्थिक बोझ सिर्फ व्यापारियों पर डालना अन्याय है। हजारों बाहरी मजदूर यहां व्यवसाय कर लाखों की आमदनी कमा रहे हैं, लेकिन न उनके लाइसेंस हैं, न रेट तय। नगर पंचायत तुरंत निर्णायक कदम उठाए। महामंत्री मनीष बिष्ट ने कहा कि हम पहले भी दो पत्र दे चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मजदूरों, कारपेंटर, पेंटर, भवन निर्माण कार्य से जुड़े सभी श्रमिकों के रेट मानक तय किए जाएं। फड़-फेरी और सड़क पर विस्तार कर दुकानदारी करने वालों पर तुरंत कार्रवाई हो। प्रदेश महामंत्री (उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तराखंड) मोहन रौतेला ने मंडल की मांगों का पूरा समर्थन करते हुए कहा नगर पंचायत अगस्त्यमुनि में बिना लाइसेंस काम कर रहे बाहरी मजदूरों पर कोई नियंत्रण नहीं है। यह स्थानीय व्यापारियों और आम जनता दोनों के हितों के खिलाफ है। यदि नगर पंचायत तुरंत लाइसेंसिंग सिस्टम लागू नहीं करती है तो आगामी समय में बड़ा आंदोलन होगा। उन्होंने आगे कहा व्यापारी वर्ग पहले से आर्थिक दबाव में है। नियम सभी के लिए एक समान हों। नगर पंचायत सिर्फ व्यापारियों को ही राजस्व स्रोत न समझे। संगठन का अंतिम अल्टीमेटम - व्यापार मंडल ने साफ किया कि सभी मजदूरों का अनिवार्य लाइसेंस बनाया जाए। हर कार्य का मजदूरी रेट चार्ट जारी किया जाए। फड़-फेरी व अवैध सड़क अतिक्रमण पर तत्काल कार्रवाई हो अन्यथा व्यापारी इस वर्ष कोई भी कर, लाइसेंस फीस या अन्य शुल्क जमा नहीं करेंगे।पत्र की प्रतिलिपि नगर पंचायत अध्यक्ष व थाना अगस्त्यमुनि को भी भेजी गई है।व्यापारी संगठनों ने स्पष्ट कहा है कि अब यह सिर्फ व्यावसायिक नहीं, बल्कि नगर के संतुलित विकास और निष्पक्ष व्यवस्था का मुद्दा है।