दस्तक पहाड न्यूज देहरादून: उत्तराखंड में चार दिसंबर से मौसम का मिजाज बदलने के आसार हैं, जिससे लोगों को सूखी ठंड से निजात मिलने की संभावना है. मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार चार दिसंबर से उत्तराखंड का मौसम बदल सकता है, जिसके बाद प्रदेश के कुछ जिलों में हल्की बारिश होने के संभावन हैं. साथ ही 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी भी होने के भी आसार है. इसको देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने कमर कस ली है. हालांकि, कुछ दिन पहले ही सीएम धामी ने ठंड और शीतलहर से बचाव के लिए सार्वजनिक स्थानों में अलाव के साथ ही सभी रेन बसेरों में प्रयाप्त व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए थे। आपदा प्रबंधन विभाग भी शीतलहर से बचाव के दृष्टिगत अलर्ट हो गया है, जिसमें मुख्य रूप से प्रदेश के उच्च हिमालय क्षेत्रों जहां पर बर्फबारी

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होती है और बर्फबारी के चलते रास्ता बाधित होने की संभावना रहती है, उन स्थानों पर डीजल, दवाइयां, खाद्य सामग्री समेत आवश्यक चीजों के भंडारण के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा प्रदेश भर के सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था करने के अलावा सभी रैन बसेरे में गद्दा रजाई की पर्याप्त व्यवस्थाओ को मुकम्मल करने पर जोर दिया जा रहा है. ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग आगामी 23 दिसंबर को शीतलहर से बचाव संबंधित कार्यशाला का आयोजन करने जा रहा है। वही, ज्यादा जानकारी देते हुए आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों को निर्देश जारी किए गए हैं कि शीतलहर से बचाव की तैयारियां समय से पूरी कर ले. ऐसे में जिला स्तर पर तैयारियां भी मुकम्मल कर ली गई है. देहरादून नगर निगम समेत प्रदेश के नगर निकायों की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है. वहीं जिलाधिकारी को कंबल वितरण के भी निर्देश दिए गए हैं. साथ ही कहा कि बर्फबारी के दौरान जहां-जहां रास्ते बंद होते हैं, उन क्षेत्रों में अगले फरवरी महीने तक के लिए खाद्य सामग्री, डीजल, दवाइयां समेत जरूरी चीजों के भंडारण के निर्देश दिए गए हैं। आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि 23 दिसंबर को शीतलहर से बचाव संबंधित कार्यशाला का आयोजन कर रहे हैं, जिसमें प्रदेश के सभी जिलाधिकारी और संबंधित विभागीय अधिकारी शामिल होंगे. इस कार्यशाला में शीतलहर से बचाव संबंधित की गई तैयारी को लेकर चर्चा की जाएगी. साथ ही तैयारियों का परीक्षण भी किया जाएगा। इसके अलावा भारत सरकार से मिलने वाले निर्देशों का भी पालन किया जा रहा है और उसको लेकर के जिलों को निर्देश दिए जा रहे हैं. शीतलहर से बचाव के लिए सभी जिलों को जरूरत के हिसाब से बजट दिया गया है. हाल ही में जिलाधिकारी के साथ आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक भी हुई है, जिस बैठक में जिलाधिकारी को यह कहा गया है कि अगर शीतलहर से बचाव संबंधित व्यवस्थाओं के लिए बजट की जरूरत होती है तो तत्काल इसका प्रस्ताव तैयार करके भेजें ताकि फंड रिलीज किया जा सके।