1 min read अपनी बोली के शब्दों को पीछे धकेलते पहाड़ी देवेश जोशी (लेखक की पुस्तक घुघुती न बासऽ से) गढ़वाली-कुमाऊनी को आठवीं अनुसूची में सम्मिलित करने की बात अक्सर की...