अभिषेक पंवार गौण्डारी / दस्तक पहाड़ न्यूज पोर्टल ब्यूरो-  उत्तराखंड में पर्यटन से तात्पर्य धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक पर्यटन, तीर्थाटन, साहसिक पर्यटन, खेल पर्यटन, पारिस्थितिकीय पर्यटन आदि से है या यूँ कह दें कि उत्तराखंड को पर्यटन के सभी क्षेत्रों में पर्याप्त महारत हासिल है। सभी प्रकार के पर्यटकों का ध्यान उत्तराखंड की ओर आकर्षित करने के लिए सरकार ने कई मुहिमें चलाई हैं पर ये पर्याप्त नहीं हैं। पर्यटकों का ध्यान उत्तराखंड की ओर आकर्षित करने में व्यक्तिगत तौर पर किसी का हाथ अपने स्तर पर भी होना चाहिए।

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अपने-अपने क्षेत्र के पर्यटक स्थलों का प्रचार-प्रसार करना चाहिए जिससे पर्यटन का प्रचार-प्रसार विश्वव्यापी हो। उत्तराखंड में अभी भी कई ऐसी जगह ऐसी हैं जो आज भी गुमनाम हैं। हम स्थानीय निवासियों को ऐसे स्थानों के बारे में जानकारियां सरकार से या प्रतिनिधियों से साझा करनी चाहिए ताकि ऐसे स्थल सभी के संज्ञान में आ सके। आज सोशल मीडिया हर व्यक्ति के जीवन में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है और सोशल मीडिया ही एक ऐसा साधन तथा माध्यम है जहाँ हम दुनिया को इन स्थानों के बारे में अवगत करा सकते हैं। हम जानते हैं कि सोशल मीडिया एक बड़ा जाल है जहाँ सूचनाओं का आदान-प्रदान तीव्र और त्वरित गति से एक स्थान से दूसरे स्थान तक शीघ्रता- शीघ्र हो पाता है। अनन्वेषित स्थानों का प्रचार-प्रसार ज्ञात स्थानों के साथ होना चाहिए ताकि पर्यटक ज्ञात और अज्ञात स्थलों के बारे में सामंजस्य बैठा सके। केदारनाथ, उत्तराखंड का प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल है यहाँ कपाटोद्घाटन के पश्चात छः माह में लाखों यात्रियों का आगमन होता है क्योंकि यह स्थान यात्रियों के माध्यम से ही विश्व चर्चित हुआ है। दूसरे के अनुभवों को सुन-देखकर लोग यहाँ पहुँचते हैं। इस वर्तमान युग अथवा भाग-दौड़ की जिन्दगी में हर मनुष्य शांति चाहता है और शांति पाने के लिए उसे ऐसे स्थलों की आवश्यकता होती है जहाँ आबादी ना के बराबर हो, शांति प्रचुर मात्रा में हो, प्रकृति का साथ हो और काम चलाने लायक सुख-सुविधाओं के साधन हों। उत्तराखंड भौगोलिक दृष्टि से इतना खुबसूरत है कि यहाँ ऐसे अनेक स्थान हैं जो पर्यटकों की आवश्यकता की पूर्ति करते हैं। हाल ही के वर्षों में उत्तराखंड में यात्रा का आगमन बहुत ही उच्च स्तर पर हुआ है और दिन-प्रतिदिन यह ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है।आँकड़े बताते हैं कि अनुमानतः प्रतिवर्ष 50 लाख से अधिक पर्यटक उत्तराखण्ड आते हैं। वर्ष २०२२ में केदारनाथ के कपाटोद्धाटन के समय पहुँचे तीर्थ यात्रियों के आँकड़ें हैरान करने वाले हैं। ऐसे ही #ऊखीमठ_मनसूना क्षेत्रान्तर्गत गिरिया गाँव में परम्परागत शैली निर्मित एक भवन है जिसे जीवन्त किया है बड़े भाई श्री भूपेंद्र पंवार जी Bhuppi Panwar ने- #गिरीराज_होमस्टे।इस स्थान का भौगोलिक स्वरूप देखें तो सुन्दर चौखम्बा पर्वत को निहारने का एक प्रेक्षण स्थल कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी। यहाँ से चौखम्बा पर्वत के साथ सुबह हाथ में चाय का कप और आँखों के सामने सूर्य की सतरंगी कीरणें नाना प्रकार के पर्वतों पर पड़ती हुई, इस दृश्य का आनंद, शांति के साथ उठाया जा सकता है। इस स्थान से देवरियाताल के लिए भी रास्ता जाता है जो पारिस्थितिकीय पर्यटन जैसे- पक्षी अवलोकन(वर्ड वाॅचिंग ) की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण स्थल है। संपर्क सूत्र:-📞8475889811 📱-8475889811 IG- @the_mountainboy 🖋 अभिषेक पंवार गौण्डारी