दस्तक पहाड न्यूज  / देहरादून– नई शिक्षा नीति के साथ देश के युवाओं को शिक्षा के साथ प्रवेश प्रक्रिया और इससे जुड़ी तमामा सुविधाओं में परिवर्तन देखने को मिलेगा। विशेषकर डिजिटल क्रान्ति के दौर में कागजी तामझामों से भी मुक्ति मिलेगी। उत्तराखंड में शिक्षा को लेकर तरह-तरह के परिवर्तन देखने को मिल रहे है। इस बार राज्य भर के डिग्री कॉलेजों मे जहाँ प्रवेश प्रक्रिया समर्थ पोर्टल के जरिए अनिवार्य कर दी गई है वही अब समर्थ पोर्टल के जरिए ।उत्तराखंड के डिग्री कॉलेजों में छात्रों को डिजिटल आई कार्ड दिए जाएंगे। इस आई कार्ड में क्यूआर कोड के साथ छात्र का ब्योरा दर्ज होगा। इससे क्यूआर कोड को स्कैन कर छात्र की पूरी जानकारी आसानी में मिल जाएगी और छात्र के पास भी उसका रिकार्ड सुरक्षित रहेगा। उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इस वर्ष समर्थ

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पोर्टल के जरिए हो रहे ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया के साथ ये कार्ड भी तैयार होंगे। राज्य का समर्थ प्रवेश पोर्टल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में उच्च शिक्षा की बेस्ट प्रेक्टिसेज में शामिल किया गया है।बता दे राज्य में विश्वविद्यालय और कॉलेजों में इस वर्ष ऑनलाइन माध्यम से एडमिशन किए जा रहे हैं। 31 मई से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 4 जून के दोपहर तक 6 हजार 980 से अधिक आवेदन रजिस्टर्ड हो चुके हैं। साथ ही उच्च शिक्षा सचिव का कहना है कि ऑनलाइन माध्यम से जहां एडमिशन प्रक्रिया सरल पारदर्शी और हुई है, वही साथ ही साथ यह किफायती भी हो गई है। दरअसल पहले छात्रों को अलग-अलग कॉलेजों में एडमिशन लेने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस के तहत 1 हजार रूपये से ज्यादा खर्च करने पड़ते थे। वहीं अब छात्र महज 50 रूपये में तीन विश्वविद्यालय के 10 कॉलेजों के लिए विकल्प भर सकते हैं।