देश के सीमांत गांवों को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार ने वाइब्रेंट विलेज योजना की शुरुआत की है. वाइब्रेंट विलेज योजना में उत्तराखंड के तीन जिलों के 51 गांवों को भी शामिल किया है. जिन 51 गांवों को वाइब्रेंट विलेज योजना में शामिल किया है, वो सभी चीन और नेपाल सीमा पर स्थित हैं।

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दस्तक पहाड़ न्यूज / अगस्त्यमुनि उत्तराखंड के 49 वाइब्रेंट विलेज में हाट बाजार बनने जा रहे है। इससे युवाओं के लिए रोजगार की राह खुलेगी साथ ही पलायन रोकने के लिए विकास का नया खाँचा भी तैयार होगा। इन गांवों में 18 विभागों ने 758 करोड़ की 510 योजनाएं बनाई गईं हैं, जिन पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुहर लगी है। अब केंद्र को इनके प्रस्ताव भेजे जाएंगे। वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत उत्तराखंड के तीन जिलों पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी के 49 वाइब्रेंट विलेज चुने गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर गृह मंत्रालय ने इन गांवों में पलायन रोकने, विकास करने के लिए प्रक्रिया शुरू की। इसके तहत प्रदेश में 758 करोड़ की 510 योजनाएं स्वीकृत हुई हैं। ये योजनाएं 18 विभागों ने मिलकर बनाई हैं। इस 758 करोड़ में से 118 करोड़ का बजट केंद्र पोषित योजनाओं के तहत मिलेगा। 53 करोड़ रुपये का बजट राज्य के स्तर से मिलेगा। 586 करोड़ का बजट केंद्र की वाइब्रेंट विलेज योजना के अंतर्गत मिलेगा। इसमें आर्थिकी विकास-आजीविकास बढ़ाने, ऊर्जा व नवीकरण ऊर्जा, हाउसिंग व विलेज इंफ्रास्ट्रक्चर, पर्यटन, सड़क, कौशल विकास, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती प्रमुख हैं। वूलन हैंडिक्राफ्ट से लेकर प्रॉसेसिंग सेंटर तक वाइब्रेंट विलेज में वूलन हैंडिक्राफ्ट, पॉल्ट्री फार्म, भेड़ पालन, दुग्ध एकत्रीकरण केंद्र, मछली पालन, फूड प्रॉसेसिंग सेंटर के अलावा हाट बाजार भी बनाए जाएंगे। युवाओं को मिलेगा रोजगार वाइब्रेंट विलेज से पर्यटन बढ़ने के मद्देनजर मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने सभी गांवों के लिए टूरिस्ट गाइड तैयार करने को कहा है। वहां की सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण होगा। संस्कृति कर्मियों को विशेष प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। पीएम आवास योजना के तहत उनके आवास बनाने के लिए केंद्र से नियमों में छूट की मांग की गई है। एनएचएम के तहत स्वास्थ्य उपकेंद्रों के साथ ही कर्मियों के आवास भी बनेंगे, जिनमें रोस्टर में कर्मचारी ड्यूटी करेंगे।