उत्तरकाशी: सीमा सड़क संगठन उत्तराखंड में चीन सीमा पर सड़कों का जाल बिछा रहा है। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चीन सीमा पर बीआरओ कई सड़कों का निर्माण कर रहा है। इसमें जनपद उत्तरकाशी में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ने के लिए 4 किलोमीटर लंबी डबल लेन सड़क बनाने का प्रस्ताव दिया है। इस सड़क के बनने पर सुक्खी टॉप पर राजमार्ग के 21 किलोमीटर के जोखिम भरे हिस्से को बाईपास कर दिया जाएगा। इस रोड के बनने से चीन सीमा तक के रास्ते की दूरी 10 किलोमीटर कम हो जायेगी।

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[caption id="attachment_33900" align="aligncenter" width="798"] नेलांग घाटी[/caption] बीआरओ उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ने के लिए 04 किलोमीटर लंबी डबल लेन सड़क बनाने का प्रस्ताव रखा है। यह सड़क पूरी हो जाएगी तो सुक्खी टॉप पर राजमार्ग के 21 किलोमीटर के कठिन और जोखिम भरे हिस्से को बाईपास करने में काफी सहायता मिलेगी। इस स्थान पर खड़ी चढ़ाई है, जिसके कारण मार्ग पर वाहनों को अक्सर मुश्किल भी होती है। बीआरओ के अधिकारियों के अनुसार इस बाईपास के बनने से न केवल गंगोत्री धाम की दूरी लगभग 10 किलोमीटर कम हो जाएगी बल्कि नेलांग घाटी में भारत-चीन सीमा के लिए सैनिक काफिले की आवाजाही भी बेहद आसान हो जाएगी। इसके साथ ही चीन सीमा की दूरी भी लगभग 10 किलोमीटर कम होने से भारतीय सेवा को काफी राहत मिलेगी। बीआरओ कमांडेंट विवेक श्रीवास्तव का कहना है कि जनपद में हाल ही में एक सर्वेक्षण किया गया था, जिसके बाद यहां बाईपास मार्ग बनाने के लिए प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया गया था। उन्होंने बताया कि बीआरओ डीपीआर तैयार कर रहा है। इस बाईपास का निर्माण कार्य अगले साल से शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि यह बाईपास चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना का हिस्सा होगा।