Big breking: सिल्क्यारा सुरंग से सुरक्षित निकाले गए 15 मजदूर, NDRF-SDRF का रेसक्यूँ जारी, सेना समेत ITBP का भी सहयोग
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28/11/20237:07 pm
दस्तक पहाड न्यूज/ उत्तरकाशी। उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकालने का सिलसिला जारी है। मजदूरों के परिवार वालों के चेहरे पर खुशी की लहर है। सभी ने अपनों के स्वागत की तैयारी कर ली है। सबसे बड़ी खबर से सिलक्यारा सुरंग से 15 मजदूरों को निकाले गये है। सबसे पहले रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीमों को मिली सफलता मिली है। जहां कड़ी मेहनत के बाद सुरंग से 15 मजदूर निकले है। ऐसे में 17वें दिन सुरंग से 15 मजदूर बाहर निकाले गये है। 15 मजदूर निकले अभी 26 मजदूरों को निकालना है। उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल रेस्क्यू से मुख्यमंत्री धामी श्रमिकों से बात-चीत कर रहे है। श्रमिकों के परिजन सुरंग के पास हैं और NDRF,SDRF की टीम टनल मौजूद है।
श्रमिकों के लिए चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर पहुंचा सेना का चिनूक
सुरंग के अंदर चिकित्सा सुविधाएं तैनात है। श्रमिकों को एयरलिफ्ट करने के लिए चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर भी पहुंच चुका है।बता दें कि ऋषिकेश एम्स में भी इमरजेंसी के लिए तैयारी की गई है।41 श्रमिकों को उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग से बाहर निकलने के बाद चिकित्सा के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ लाया जाएगा। यहां पर पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। जैसे-जैसे श्रमिक बाहर आ रहे हैं, वैसे-वैसे अस्पताल में हलचल बढ़ गई हैं। सुरक्षा बढ़ाते हुए आइटीबीपी की तैनाती कर दी गयी है। किसी को भीतर नहीं जाने दिया जा रहा है। पहले श्रमिकों का सुरंग के भीतर ही होगा स्वास्थ्य परीक्षण। दरअसल, सुरंग के भीतर जहां श्रमिक फंसे हुए थे, वहां का तापमान लगभग 30 से 35 डिग्री पर है, जबकि सुरंग के बाहर सिलक्यारा का वर्तमान तापमान 10 डिग्री के आसपास है। चूंकि, श्रमिक 17 दिन तक 30 से 35 डिग्री तापमान में रहे हैं, ऐसे में उन्हें एकदम से बाहर 10 डिग्री तापमान में नहीं लाया जाएगा।
समय से पहले नहीं की जाएगी कोई घोषणा- एनडीएमए
एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि सभी सुरक्षा सावधानियों को लागू की जाएंगी। समय से पहले कोई घोषणा नहीं की जानी चाहिए क्योंकि यह सभी सिद्धांतों के विरुद्ध होगा। हमें रेस्क्यू कर रहे टीम सदस्यों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना है।
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Big breking: सिल्क्यारा सुरंग से सुरक्षित निकाले गए 15 मजदूर, NDRF-SDRF का रेसक्यूँ जारी, सेना समेत ITBP का भी सहयोग
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दस्तक पहाड न्यूज/ उत्तरकाशी। उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकालने का सिलसिला जारी है। मजदूरों के परिवार वालों के चेहरे
पर खुशी की लहर है। सभी ने अपनों के स्वागत की तैयारी कर ली है। सबसे बड़ी खबर से सिलक्यारा सुरंग से 15 मजदूरों को निकाले गये है। सबसे पहले रेस्क्यू ऑपरेशन में
जुटी टीमों को मिली सफलता मिली है। जहां कड़ी मेहनत के बाद सुरंग से 15 मजदूर निकले है। ऐसे में 17वें दिन सुरंग से 15 मजदूर बाहर निकाले गये है। 15 मजदूर निकले अभी 26
मजदूरों को निकालना है। उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल रेस्क्यू से मुख्यमंत्री धामी श्रमिकों से बात-चीत कर रहे है। श्रमिकों के परिजन सुरंग के पास हैं और NDRF,SDRF की
टीम टनल मौजूद है।
एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा, "मेरे हिसाब से इस ऑपरेशन को पूरा करने में पूरी रात लग जाएगी।"
श्रमिकों के लिए चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर पहुंचा सेना का चिनूक
सुरंग के अंदर चिकित्सा सुविधाएं तैनात है। श्रमिकों को एयरलिफ्ट करने के लिए चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर भी पहुंच चुका है।बता दें कि
ऋषिकेश एम्स में भी इमरजेंसी के लिए तैयारी की गई है।41 श्रमिकों को उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग से बाहर निकलने के बाद चिकित्सा के लिए सामुदायिक
स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ लाया जाएगा। यहां पर पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। जैसे-जैसे श्रमिक बाहर आ रहे हैं, वैसे-वैसे अस्पताल में हलचल बढ़ गई हैं।
सुरक्षा बढ़ाते हुए आइटीबीपी की तैनाती कर दी गयी है। किसी को भीतर नहीं जाने दिया जा रहा है। पहले श्रमिकों का सुरंग के भीतर ही होगा स्वास्थ्य परीक्षण।
दरअसल, सुरंग के भीतर जहां श्रमिक फंसे हुए थे, वहां का तापमान लगभग 30 से 35 डिग्री पर है, जबकि सुरंग के बाहर सिलक्यारा का वर्तमान तापमान 10 डिग्री के आसपास है।
चूंकि, श्रमिक 17 दिन तक 30 से 35 डिग्री तापमान में रहे हैं, ऐसे में उन्हें एकदम से बाहर 10 डिग्री तापमान में नहीं लाया जाएगा।
समय से पहले नहीं की जाएगी कोई घोषणा- एनडीएमए
एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि सभी सुरक्षा सावधानियों को लागू की जाएंगी। समय से पहले कोई घोषणा नहीं की जानी
चाहिए क्योंकि यह सभी सिद्धांतों के विरुद्ध होगा। हमें रेस्क्यू कर रहे टीम सदस्यों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना है।