नासिक में सम्पन्न हुए युवा राष्ट्रीय महोत्सव में उत्तराखंड की सृष्टि भारद्वाज ने एकल नृत्य में प्रथम स्थान प्राप्त कर देवभूमि का गौरव बढ़ाया । 27 वें युवा राष्ट्रीय महोत्सव में सृष्टि ने एकल नृत्य में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर प्रदेश का नाम रोशन किया l सृष्टि ने कुमाऊं के घसियारी गीत पर शानदार प्रस्तुति से ये गौरवान्वित करने वाली उपलब्धि प्राप्त की। सृष्टि की इस कामयाबी में शगुन बर्त्वाल के गायन, अलभ्य बडोनी के हारमोनियम वादन तथा त्रिष्ठव बडोनी के ढोलक वादन ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। चारों प्रतिभागियों को ट्रॉफी और धनराशि के साथ पुरस्कृत किया गया l कोरियोग्राफर विनोद असवाल के कांसेप्ट और क्रियान्वयन को भी खूब प्रशंसा मिली। गौरतलब है मेंटर विनोद असवाल के निर्देशन में उत्तराखंड की लोक नृत्य टीम ने भी इस प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया। इस नृत्य में जौनसार- जौनपुर रवांई की हारुल – तांदी नृत्य शैली को दर्शकों की खूब वाहवाही मिली। इस प्रस्तुति में सृष्टि भारद्वाज द्वारा नृत्य करते हुए सिर में केतली पर चाय बनाने का करतब और त्रिष्ठव बडोनी का एकल ढोल – दमाऊं वादन बहुत मनमोहक और रोमांच पैदा करने वाला रहा।पहाड़ से दूर पहाड़ की पहचान ढोल और दमाऊ दोनों वाद्ययंत्रों को जब त्रिष्ठव बडोनी द्वारा स्वयं ही अकेले बजाया तो पूरा पांडाल एक साथ झूम पड़ा। अलभ्य बडोनी की हारमोनियम की धुन ने इस माहौल को ऐसा खुशनुमा बनाया कि प्रतियोगिता में सभी ने तालियां बजा कर टीम को भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं दी। टीम की गायक शगुन बर्त्वाल ने उत्तराखंड की पहचान मोनाल, घूघूती की स्वर लहरी से मानो दक्षिण में पहाड़ को जीवंत ही कर दिया। युवा कल्याण मन्त्री रेखा आर्या और विभाग के संयुक्त निदेशक अजय अग्रवाल ने सृष्टि सहित पूरी टीम को बधाई दी।
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उत्तराखंड की बेटी सृष्टि ने रचा इतिहास, एकल नृत्य में पाया देशभर में पहला स्थान, दीजिए बधाई
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12से 16जनवरी तक महाराष्ट्र के नासिक में हुए राष्ट्रीय महोत्सव में एकल नृत्य को पहली बार किया गया था शामिल पहली ही बार में उत्तराखंड ने लहराया परचम
दस्तक पहाड़ ब्यूरो / देहरादून।
नासिक में सम्पन्न हुए युवा राष्ट्रीय महोत्सव में उत्तराखंड की सृष्टि भारद्वाज ने एकल नृत्य में प्रथम स्थान प्राप्त कर देवभूमि का गौरव बढ़ाया । 27 वें
युवा राष्ट्रीय महोत्सव में सृष्टि ने एकल नृत्य में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर प्रदेश का नाम रोशन किया l सृष्टि ने कुमाऊं के घसियारी गीत पर
शानदार प्रस्तुति से ये गौरवान्वित करने वाली उपलब्धि प्राप्त की। सृष्टि की इस कामयाबी में शगुन बर्त्वाल के गायन, अलभ्य बडोनी के हारमोनियम वादन तथा
त्रिष्ठव बडोनी के ढोलक वादन ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। चारों प्रतिभागियों को ट्रॉफी और धनराशि के साथ पुरस्कृत किया गया l कोरियोग्राफर विनोद असवाल के
कांसेप्ट और क्रियान्वयन को भी खूब प्रशंसा मिली। गौरतलब है मेंटर विनोद असवाल के निर्देशन में उत्तराखंड की लोक नृत्य टीम ने भी इस प्रतियोगिता में शानदार
प्रदर्शन किया। इस नृत्य में जौनसार- जौनपुर रवांई की हारुल - तांदी नृत्य शैली को दर्शकों की खूब वाहवाही मिली। इस प्रस्तुति में सृष्टि भारद्वाज द्वारा
नृत्य करते हुए सिर में केतली पर चाय बनाने का करतब और त्रिष्ठव बडोनी का एकल ढोल - दमाऊं वादन बहुत मनमोहक और रोमांच पैदा करने वाला रहा।पहाड़ से दूर पहाड़ की
पहचान ढोल और दमाऊ दोनों वाद्ययंत्रों को जब त्रिष्ठव बडोनी द्वारा स्वयं ही अकेले बजाया तो पूरा पांडाल एक साथ झूम पड़ा। अलभ्य बडोनी की हारमोनियम की धुन ने
इस माहौल को ऐसा खुशनुमा बनाया कि प्रतियोगिता में सभी ने तालियां बजा कर टीम को भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं दी। टीम की गायक शगुन बर्त्वाल ने उत्तराखंड
की पहचान मोनाल, घूघूती की स्वर लहरी से मानो दक्षिण में पहाड़ को जीवंत ही कर दिया। युवा कल्याण मन्त्री रेखा आर्या और विभाग के संयुक्त निदेशक अजय अग्रवाल
ने सृष्टि सहित पूरी टीम को बधाई दी।