बाबा केदारनाथ के दर्शनों के लिए शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचे रावल देवता, पुष्प वर्षा से हुआ स्वागत
1 min read09/02/2024 10:46 pm
विनोद नौटियाल / ऊखीमठ।।
दस्तक पहाड न्यूज – ब्लाक अगस्त्यमुनि के दशज्यूला पट्टी के बिजराकोट गाँव के आराध्य देव रावल देवता सिद्धपीठ कालीमठ दर्शन के पश्चात बाबा केदारनाथ के दर्शनों के लिए शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचे। इस दौरान मन्दिर समिति ऊखीमठ एवं क्षेत्रवासियों द्वारा पुष्पवर्षा के साथ उनका भव्य स्वागत किया गया।ऊखीमठ के उदयपुर में रात्रि प्रवास के बाद शनिवार को देवरा यात्रा तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन गद्दी स्थल मर्कटेश्वर मन्दिर मक्कूमठ पहुंचेगी। रावल देव की देवरा यात्रा का शुभारंभ विगत 22 नवंबर को देवता के मूल गाँव बिजराकोट से हुआ। यहाँ से दशज्यूला क्षेत्र के भ्रमण के बाद तल्ला नागपुर के विभिन्न गाँव और मंदिरों से गुजरते हुए आज यात्रा पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ पहुंची जहाँ पर भगवान केदारनाथ और मध्यमहेश्वर के दर्शनों के बाद केदारनाथ के पुजारी शिव शंकर लिंग, बागेश लिंग, शिव लिंग एवं शान्त लिंग ने रावल देव की आरती उतारी। देवरा यात्रा संयोजक सुनील सिंह पंवार ने बताया कि देवरा यात्रा में बिजराकोट के ग्रामीणों के साथ ही जनपद चमोली के बड़ेथ,डांग,इज्जर,और भन्वाड़ी गांवों के लोग भी शामिल हैं जो रावल देव को अपने आराध्य देव के रूप में मानते हैं।देवरा यात्रा के अध्यक्ष बृजमोहन सिंह पंवार ने बताया कि यह रावल देव की तीसरी बन्याथ यात्रा है इससे पूर्व वर्ष 2003-04 में स्वर्गीय जीत सिंह पंवार की अध्यक्षता में देवरा यात्रा का आयोजन किया गया था जो 65 वर्षों के बाद हुई थी, इससे पहले 1939 में पहली बन्याथ यात्रा सम्पन्न हुई थी। सचिव महेश बिष्ट ने बताया कि यात्रा में 35 से अधिक श्रद्धालु शामिल है। देवरा अब तक 175 से अधिक गाँवों का भ्रमण कर चुकी है। रावल देवता के साथ लाटू देवता की ब्रह्म शक्ति, कुलदेवी राजराजेश्वरी एवं नागराजा और दक्षिण काली भी भ्रमण पर है। यात्रा में कुलगुरू अरूण प्रसाद खनाई, पुजारी शिव प्रसाद मलवाल, ब्रह्मगुरू जगदंबा प्रसाद बेंजवाल, एरवला आकाश पंवार, भूपेन्द्र बुटोला, विपिन राणा, राजेन्द्र पंवार, विजय पंवार आदि मौजूद है।
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