दीपक बेंजवाल  / दस्तक पहाड न्यूज / अगस्त्यमुनि रुद्रप्रयाग जनपद के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में किसान खेती के लिए कृषि की आधुनिक तकनीक अपनाने लगे हैं। खेतों में बैलों के स्थान पर ट्रैक्टर चल रहे हैं। अगस्त्यमुनि ब्लाॅक के गांवों में भी किसान मिनी ट्रैक्टर से जुताई कर रहे हैं। पहाड़ पर सिमट रही जोत को बचाने के लिए इन वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाने की जरूरत है। जिले के अन्य गांवों में भी कई प्रगतिशील किसान परंपरागत कृषि के स्थान पर आधुनिक खेती की तकनीक अपनाने लगे हैं। सरकार द्वारा बड़ी मात्रा ये

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मशीन किसानो को सब्सिडी पर भी दी गई है। बावजूद पहाड़ों में जहाँ सरकार कृषि उपकरणों को बढ़ावा दे रही है वही रूद्रप्रयाग जिले में अलग ही मामला सामने आ रहा है। बता दे आजकल पहाड़ो में खेतों में धान की रोपाई शुरू हो गई है, किसान आधुनिक हलों से खेती कर रहे है वही किसानों को इन दिनों अपने आधुनिक हलों को चलाने के लिए पेट्रोल नही मिल रहा है। गिंवाला गाँव के किसान धर्मेन्द्र सिंह बर्त्वाल,शिव सिंह, सुदर्शन सिंह, कुंवर सिंह, इन्द्र सिंह, विरेंद्र सिंह, बिष्ट, सरत सिंह, सुखबीर सिंह विष्ट बताते है कि पेट्रोल पम्प से डिब्बों पर तेल नही मिल रहा है, हमारे हलों की टंकी मात्र तीन लीटर की होती है, इसके लिए भी जब तेल न दिया जाए तो कैसे खेती करेंगे। पेट्रोल पम्प वाले डीएम के आदेशों की बात कहकर डिब्बों में तेल नही दे रहे है। इनका कहना सुरक्षा मानको का ख्याल रखते हुए तेल उपलब्ध कराया जाए, ताकि हम अपनी खेती किसानी को सुचारू रूप से कर सकें। हमारे गाँव में 20 की संख्या हल लगाने की मशीन प्रयोग की जा रही, ऐसा लगभग हर गाँव में है। किसानों ने जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग से मदद की अपील की है।