दस्तक पहाड्र न्यूज / अगस्त्यमुनि। बुधवार को अगस्त्यमुनि विकासखंड के दुगड्डा कर्णधार गाँव निवासी पशुपालक वंदना भट्ट की चार वर्षीय जर्सी नस्ल की दुधारू गाय की बीमारी के चलते मृत्यु हो गई। अगर गाय को सही समय पर उपचार मिलता तो शायद गाय की जान बच जाती। जानकारी के अनुसार बीते एक सप्ताह से पशुपालक वंदना भट्ट की गाय बीमार हो गई थी, जिसके चलते उन्होंने क्षेत्रीय पशु चिकित्सकों से संपर्क किया। किंतु सभी के द्वारा गाय की जांच करने से इनकार किया गया, जबकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी से संपर्क करने के

Featured Image

बाद एक फार्मेसिस्ट गांव में पहुंचा, जिसने गाय को एक इंजेक्शन लगाया, और वो भी वापस चला गया। इसके बाद भी गाय की स्थिति में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद भी चिकित्सकों से लगातार संपर्क किया, बावजूद इसके पशु चिकित्सक नहीं पहुंचे। इस कारण पशु पालक को बड़ा नुकसान हुआ। एक तरफ सरकार किसानों, पशुपालकों की आर्थिकी को बढ़ाने के ढोल पीटती नहीं थकती, दूसरी ओर पशुपालकों से इस तरह का सौतेला व्यवहार विचारणीय है। पशुपालक वंदना भट्ट ने बताया कि उनके द्वारा लगातार पशुपालन विभाग के चिकित्सकों से लगातार सम्पर्क करने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हुई है, जिस कारण उनकी गाय की मृत्यु हो गई। कहा कि अगर इसी तरह का व्यवहार पशु चिकित्सा के चिकित्सकों द्वारा अन्य पशु पालकों से किया जाएगा, तो हो गई पशु पालकों की आर्थिकी मजबूत, बन गए फिर किसान देश के आधार। कहा कि सरकार को इस तरह के कर्मियों पर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।