उत्पीड़न और जबरन बंद करने पर भड़का अशासकीय मान्यता प्राप्त विद्यालय संगठन, बोले जो बेहतर शिक्षा दे रहे उन्हें ही मिल रही सजा
1 min read30/06/2025 7:36 pm
दस्तक पहाड़ न्यूज/ अगस्त्यमुनि। अशासकीय मान्यता प्राप्त विद्यालय संगठन की बैठक अगस्त्यमुनी में अनूप रमोला की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें शिक्षा विभाग द्वारा कतिपय नियमों की आड़ में विद्यालयों का उत्पीड़न किए जाने और उन्हें जबरन बंद किए जाने की निंदा की गई। कहा कि शिक्षा मंत्री ने इसमें स्पष्ट आशासन दिया था मगर विभाग अपनी मनमर्जी कर रहा है। विद्यालय प्रबंधन तंत्र का उत्पीड़न हो रहा है और उनकी सामाजिक छवि धूमिल की जा रही है। उन्होंने कहा पहाड़ की दुर्गम भौगौलिक परिस्थितियों के बीच जो बेहतर शिक्षा के लिए मेहनत से कार्य कर रहे है, उन्हें पर ही बंद करने कार्यवाही की जा रही है।जबकि उत्तराखंड बोर्ड हो या सीबीएसई बोर्ड हर जगह इन विद्यालयों के छात्र मेरिट सूची में स्थान प्राप्त कर रहे है, इससे पहाड़ में शिक्षा के नाम पर होने वाला पलायन भी रुका है।
संगठन के उपाध्यक्ष विजय चमोला, महामंत्री हरिहर रावत ने कहा कि नवीनीकरण के नाम पर कई स्कूलों को सम्मन जारी कर एक लाख रु. जुर्माना लगाया गया है। विभाग को दस्तावेज जमा करने के लिए स्कूल प्रबंधन को समय देना चाहिए और जो फाइलें विभाग दबाये बैठा है, उन फाइलों पर संस्तुति की जानी चाहिए। बैठक में निर्णय लिया गया कि शिक्षा विभाग के तानाशाही रवैये का विरोध किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर आंदोलन भी किया जाएगा।
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इस अवसर पर संरक्षक महावीर सिंह रमोला, विक्रम सिंह नेगी, विजयपाल नेगी, विनीता रौथाण, ललित मोहन रावत, गिरिश, संजय रावत समेत बड़ी संख्या में विद्यालय प्रबंधक, शिक्षक उपस्थित रहे।
दूसरी ओर खंड शिक्षा अधिकारी अतुल सेमवाल ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन के तहत जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर मानकों के विपरीत चल रहे प्राइवेट स्कूलों की सूची तैयार की गई। इन स्कूलों की जांच की गई और इसमें जो कमियां पाई गई, उनकी पत्रावली आगे भेज दी गई है। उन्होंने कहा कि नियमों में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी और पूरी पारदर्शिता के साथ विभाग अपना काम कर रहा है।
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