हरीश गुसाई / अगस्त्यमुनि।। दस्तक पहाड़ न्यूज।। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. योगम्बर सिंह नेगी ने पंचायत चुनाव में पार्टी की नीतियों से त्रस्त होकर चुनाव से किनारा करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कण्डारा वार्ड से जिला पंचायत सदस्य हेतु नामांकन कराया था। परन्तु आज नाम वापसी के अन्तिम दिन उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया। यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि आज बड़े दुखी मन से मैंने यह निर्णय लिया है। कहा कि पार्टी के कुछ वरिष्ठ लोग हैं जो नहीं चाहते कि मैं चुनाव लड़ूं। इन्हीं के

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दबाब से ही पार्टी ने आज तक कण्डारा सीट से अपने प्रत्याशी को अधिकृत नहीं किया। मैने 1984 में पार्टी की सदस्यता ली थी। तथा आज तक पार्टी का सेवक रहा हूं। छात्र राजनीति से ही मेरी पहचान एक कर्मठ एवं ईमानदार संघर्षशील नेता की रही है। 1989-90 में गढ़वाल विश्वविद्वालय के छात्र संघ अध्यक्ष चुनाव में तीरथ सिंह रावत जी को हराकर छात्र संध अध्यक्ष बना था। तीरथ सिंह रावत जी बाद में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री एवं गढ़वाल के सांसद रहे। 2003 में कण्डारा वार्ड पर जिले में सर्वाधिक मतों से जीतकर जिला पंचायत सदस्य बना। 2013 में क्यूंजा वार्ड से भारी अन्तर से क्षेत्र पंचायत सदस्य बना। वर्ष 2007, 2012 एवं 2017 में केदारनाथ विधान सभा के पैनल में केन्द्रीय चुनाव समिति तक टॉप में रहा। परन्तु कुछ चहेते उम्मीदवारों के कारण मेरा टिकट नहीं होने दिया गया। और आज जिला पंचायत की सीट पर अधिकृत होने से भी रोका जा रहा है। प्रदेश नेतृत्व एवं सह प्रभारी जी से शिकायत करने पर विधायक प्रतापनगर विक्रम नेगी पुनः पर्यवेक्षक नियुक्त किए गये। परन्तु उनकी रिपोर्ट को भी प्रभावित किया गया। आज पार्टी मुझे जिला पंचायत सदस्य के रूप में अधिकृत करने से भी कतरा रही है। ऐसे में क्षुब्ध होकर मैने पंचायत चुनाव से किनारा करने का निर्णय लिया है। शायद बड़े मकसद के लिए छोटे मकसद को त्याग करने में ही फायदा होता है। मेरा क्षेत्र की मातृ शक्ति एवं युवाओं से आवाह्न है कि वे धनबल एवं शराब बांटकर लोकतन्त्र की नींव पर कुठाराघात करने वालों को सबक सिखाने के लिए आगे आयें तथा स्वस्थ लोकतन्त्र के लिए ऐसे लोगों को मुंहतोड़ जबाब दें। ।