हरीश गुसाईं  / दस्तक पहाड न्यूज ब्यूरो। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम घोषित होते ही अब ब्लॉक प्रमुख के लिए लामबन्दी प्रारम्भ हो गई है। भाजपा एवं कांग्रेस इसके लिए रणनीति बनाने लगे हैं। चूंकि अगस्त्यमुनि ब्लॉक प्रमुख पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित किया गया है। इसलिए ब्लॉक प्रमुख के लिए विकल्प काफी कम हैं। इसलिए कांग्रेस सहित भाजपा की चिन्ता बढ़ी हुई हैं। इस चुनाव में अनुसूचित जाति महिला के लिए पांच सीट आरक्षित की गई थी। जबकि अनुसूचित जाति के लिए चार सीटें आरक्षित की गई थी। जिन पर महिलायें भी चुनाव लड़ सकती थी और कुछ ने लडा़ भी। परन्तु केवल एक ही महिला प्रत्याशी अनु जाति की सीट पर दर्ज जीत दर्ज कर पाई। निवर्तमान प्रमुख विजया देवी ने भी फिर से प्रमुख पद पाने हेतु अपने मायके की सीट नैली (अनु जाति) पर चुनाव लड़ा। परन्तु जनता ने उन्हें सिरे से

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नकार दिया। कुछ अनुसूचित जाति की महिलाओं ने प्रमुख पद की दावेदारी हेतु अनारक्षित एवं महिला सीट पर दावेदारी की थी। परन्तु कोई जीत दर्ज नहीं कर पाया। चुनाव के नतीजे आने के बाद स्पष्ट हो गया है कि प्रमुख पद हेतु केवल छः महिलायें ही अहर्य हैं। जिनमें फेगू वार्ड से जीती संजू देवी, बष्टी वार्ड से जीती रश्मि देवी, सिल्लाबामण गांव से जीती गायत्री देवी, जगोठ वार्ड से जीती भुवनेश्वरी देवी, मदोला वार्ड से जीती रश्मि देवी तथा बोरा वार्ड से जीती विजय लक्ष्मी देवी हैं। इन सब में अभी तक जगोठ वार्ड से जीती भुवनेश्वरी देवी एक सशक्त उम्मीदवार के रूप में उभरी हैं। उन्होंने खुलकर अपनी दावेदारी का ऐलान भी कर दिया है। और सदस्यों को अपने पाले में समेटने हेतु रणनीति भी बना ली है। बताया जा रहा है कि उन्होंने 15 से अधिक क्षेपं सदस्यों से सम्पर्क कर अपने पक्ष में वोट देने के लिए प्रतिबद्ध कर दिया है।  जिस तरह से भुवनेश्वरी देवी ने सदस्यों को लामबन्द करना प्रारम्भ किया है, ऐसे में वे निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख भी चुनी जा सकती हैं। भाजपा अभी तक अगस्त्यमुनि ब्लॉक में अपना प्रमुख नहीं बना पाई है। भाजपा को इस बार अगर जीत दर्ज करनी है तो भुवनेश्वरी देवी को अपने पक्ष में लाना होगा।