दीपक बेंजवाल, दस्तक पहाड धराली (उत्तरकाशी)। आपदा से जूझ रहे उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में उस वक्त एक मार्मिक दृश्य देखने को मिला, जब राहत एवं पुनर्वास कार्यों का जायजा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कलाई पर एक बहन ने राखी बांध दी — वो भी किसी धागे या चांदी की नहीं, बल्कि अपनी साड़ी के पल्लू को फाड़कर। मलबे और मातम के बीच यह दृश्य वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम कर गया। इस बहन के पास न थाली थी, न चंदन, न मिठाई, लेकिन जो उसके पास था वो था भरोसा, अपनापन और एक अटूट रिश्ता। राखी बांधते हुए उस महिला ने कहा, "आप मेरे लिए भगवान श्रीकृष्ण हैं।"

Featured Image

मुख्यमंत्री धामी भी इस भावनात्मक क्षण में बेहद भावुक हो उठे। उन्होंने कहा, "ना थाली, ना चंदन, केवल एक कपड़े का टुकड़ा, लेकिन उसमें रिश्ते का सच्चा एहसास, सुरक्षा का वचन और मानवता का सबसे सुंदर रूप समाया था। उस राखी में एक बहन की प्रार्थना थी और एक भाई के कंधों पर आया एक नया दायित्व।" आपदा से टूटी-थकी जनता के बीच यह रिश्ता सिर्फ एक राखी का नहीं था, यह उस भरोसे का प्रतीक था जो आमजन सरकार से रखता है कि मुश्किल की घड़ी में सरकार एक भाई की तरह उसके साथ खड़ी होगी। इस घटना ने राखी के त्यौहार को एक नई परिभाषा दे दी — यह दिखाया कि राखी केवल रेशम की डोरी नहीं, बल्कि भावनाओं की डोर है, जो दिल से दिल को जोड़ती है, चाहे वह रिश्ता खून का हो या नहीं।