हाईकोर्ट का आदेश, उत्तराखंड के गुरिल्ला को मिलेगी नौकरी, उनकी विधवाओं को भी सेवानिवृत्त का लाभ
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05/08/20225:39 pm
दस्तक पहाड़ न्यूज ब्यूरो नैनीताल।हाई कोर्ट ने उत्तराखंड के गुरिल्ला व मृतक गुरिल्ला की विधवाओं को मणिपुर राज्य की तरह नौकरी व सेवानिवृत्ति के लाभ तीन माह के भीतर देने के आदेश दिए हैं।न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने यह महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है। कोर्ट के आदेश से हजारों गुरिल्ला तथा गुरिल्ला की विधवाएं लाभान्वित होंगी।
टिहरी गढ़वाल निवासी अनुसुइया देवी व नौ अन्य और पिथौरागढ़ के मोहन सिंह व 29 अन्य गुरिल्ला व उनकी विधवाओं ने याचिका दायर कर कहा कि वह आइटीबीपी से सशस्त्र प्रशिक्षण प्राप्त हैं। उनसे सरकार ने निश्चित मानदेय पर वॉलिंटियर के रूप में काम भी लिया। 2003 में एसएसबी के गठन के बाद से उनसे काम लेना बंद कर दिया गया। उसके बाद से वे सभी बेरोजगार हैं, उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
याचिकाकर्ताओं के अनुसार मणिपुर के गुरिल्लाओं ने इस सम्बंध में मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मणिपुर हाईबकोर्ट ने इन गुरिल्लाओं को नौकरी में रखने व सेवानिवृत्ति की आय वालों को पेंशन व सेवानिवृत्ति के लाभ देने के निर्देश पारित किए थे। इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने भी सही ठहराया था। इसके बाद मणिपुर सरकार ने वहां के गुरिल्लाओं को सेवा में रखा और सेवानिवृत्ति की उम्र के गुरिल्लाओं और दिवंगत हुए गुरिल्लाओं की विधवाओं को सेवानिवृत्ति के लाभ दिये जा रहे हैं। इन याचिकाओं की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से उत्तराखण्ड के गुरिल्लाओं को मणिपुर के गुरिल्लाओं की भांति सुविधाएं देने के निर्देश दिए हैं।
हाईकोर्ट का आदेश, उत्तराखंड के गुरिल्ला को मिलेगी नौकरी, उनकी विधवाओं को भी सेवानिवृत्त का लाभ
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दस्तक पहाड़ न्यूज ब्यूरो नैनीताल। हाई कोर्ट ने उत्तराखंड के गुरिल्ला व मृतक गुरिल्ला की विधवाओं को मणिपुर राज्य की तरह नौकरी व सेवानिवृत्ति के लाभ तीन
माह के भीतर देने के आदेश दिए हैं।न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने यह महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है। कोर्ट के आदेश से हजारों गुरिल्ला
तथा गुरिल्ला की विधवाएं लाभान्वित होंगी।
टिहरी गढ़वाल निवासी अनुसुइया देवी व नौ अन्य और पिथौरागढ़ के मोहन सिंह व 29 अन्य गुरिल्ला व उनकी विधवाओं ने याचिका दायर कर कहा कि वह आइटीबीपी से सशस्त्र
प्रशिक्षण प्राप्त हैं। उनसे सरकार ने निश्चित मानदेय पर वॉलिंटियर के रूप में काम भी लिया। 2003 में एसएसबी के गठन के बाद से उनसे काम लेना बंद कर दिया गया।
उसके बाद से वे सभी बेरोजगार हैं, उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
याचिकाकर्ताओं के अनुसार मणिपुर के गुरिल्लाओं ने इस सम्बंध में मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मणिपुर हाईबकोर्ट ने इन गुरिल्लाओं को नौकरी में
रखने व सेवानिवृत्ति की आय वालों को पेंशन व सेवानिवृत्ति के लाभ देने के निर्देश पारित किए थे। इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने भी सही ठहराया था। इसके बाद
मणिपुर सरकार ने वहां के गुरिल्लाओं को सेवा में रखा और सेवानिवृत्ति की उम्र के गुरिल्लाओं और दिवंगत हुए गुरिल्लाओं की विधवाओं को सेवानिवृत्ति के लाभ
दिये जा रहे हैं। इन याचिकाओं की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से उत्तराखण्ड के गुरिल्लाओं को मणिपुर के गुरिल्लाओं की भांति सुविधाएं देने के
निर्देश दिए हैं।