दस्तक पहाड न्यूज / अगस्त्यमुनि।। अगस्त्यमुनि ब्लॉक अंतर्गत कई गाँवों में देर रात हुई मूसलधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। सिलकोट, पाटला और रूमसी गाँवों में अतिवृष्टि के चलते रास्ते, पेयजल लाइनें, खेत-खलिहान और सार्वजनिक संपत्तियाँ बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। सिलकोट निवासी प्रमोद गुसाईं ने बताया कि देर रात हुई मूसलधार बारिश से गाँव की मुख्य पेयजल लाइन और संपर्क मार्ग पूरी तरह बह चुके हैं। ग्रामीणों को अब पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन को नुकसान की जानकारी दे दी गई है,

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लेकिन राहत कार्य अब तक शुरू नहीं हो पाया है। ग्राम पंचायत मणिगुह के पाटला तोक में 9 परिवारों का जीवन खतरे में आ गया है। भारी भू-स्खलन से जमीन दरक रही है और पुस्ते टूट चुके हैं। ग्राम प्रधान जोत सिंह रावत ने बताया कि स्थिति की गंभीरता से राजस्व उपनिरीक्षक को अवगत कराया गया है। लगातार बारिश से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। रूमसी गाँव में भी बारिश ने जबरदस्त कहर बरपाया। स्थानीय निवासी रमेश भारती के अनुसार रातभर की बारिश से कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। चिल्ड्रन एकेडमी स्कूल, रूमसी के प्रांगण के पास बड़ा भू-स्खलन हुआ है, जिससे रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है। स्कूल का मैदान, शौचालय और बाथरूम तक बह गए हैं, जिससे छात्रों की सुरक्षा भी संकट में पड़ गई है। तीनों क्षेत्रों के लोग प्रशासनिक सहायता की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन अब तक राहत या पुनःस्थापना का कोई कार्य शुरू नहीं हुआ है। ग्रामीणों में नाराज़गी और चिंता दोनों गहराई से देखी जा रही है। प्रभावित गांवों के लोग शासन-प्रशासन से तत्काल मौके पर राहत और पुनःनिर्माण की कार्यवाही की माँग कर रहे हैं, ताकि आने वाले दिनों में किसी बड़े हादसे से बचा जा सके। यह आपदा एक बार फिर पहाड़ों की नाजुक भौगोलिक स्थिति और सरकारी तंत्र की सुस्ती को उजागर करती है।